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छींक

भारतपीडिया से

छींक वह क्रिया है जिसमें फेफड़ों से हवा नाक और मुह के रास्ते अत्यधिक तेजी से बाहर निकाली जाती है। यह एक अर्ध-स्वायत्त (semi-autonomous) क्रिया है।[१]

छींक आमतौर पर तब आती है जब हमारी नाक के अंदर की झिल्ली, किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने से खुजलाती है। नाक से तुरंत हमारे मस्तिष्क को संदेश पहुंचता है और वह शरीर की मांसपेशियों को आदेश देता है कि इस पदार्थ को बाहर निकालें. छींक जैसी मामूली सी क्रिया में कितनी मांसपेशियां काम करती हैं।...पेट, छाती, डायफ़्राम, वाकतंतु, गले के पीछे और यहां तक कि आंखों की भी. ये सब मिलकर काम करती हैं और पदार्थ बाहर निकाल दिया जाता है। कभी-कभी एक छींक से काम नहीं चलता तो कई छींके आती हैं। जब हमें ज़ुकाम होता है तब छींकें इसलिए आती हैं क्योंकि ज़ुकाम की वजह से हमारी नाक के भीतर की झिल्ली में सूजन आ जाती है और उससे ख़ुजलाहट होती है।

बाहरी कड़ियाँ

  1. छींक का इलाज साँचा:Webarchive - दा इंडियन वायर