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साँचा:ज्ञानसन्दूक पत्रिका टून्स मैग एक कार्टून पत्रिका है जो संपादकीय कार्टून, कॉमिक्स, व्यंग्य-चित्र, दृश्य रेखांकन और संबंधित ख़बरों को प्रकाशित करने के लिए एक वैश्विक ऑनलाइन मंच प्रदान करता है| यह कई भाषाओँ में प्रकाशित होता है और यह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्टून प्रतियोगिता और विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन भी करता है| इसकी स्थापना ड्रोबक, नॉर्वे के रहने वाले एक कार्टूनिस्ट अरीफुर रहमान द्वारा वर्ष 2009 में की गयी थी|
संस्थापक और संक्षिप्त इतिहास
वर्ष 2007 में, कार्टूनिस्ट अरीफुर रहमान ने आलपिन नामक बांग्लादेशी हास्य-व्यंग पत्रिका के लिए चित्र बनाने की शुरुआत की| [१] [२] यह प्रथम अलो के द्वारा प्रकाशित एक हास्य संबंधी अनुपूरक प्रकाशन था|[३]
आलपिन में, उनके द्वारा बनाए एक कार्टून ने किसी व्यक्ति के नाम के पहले “मोहम्मद” लगाने का मज़ाक बनाया| कार्टून एक छोटे बच्चे के रूप में सामने आता है और अपनी बिल्ली का परिचय “मोहम्मद बिल्ली” के तौर पर देता है|[४] [५] यह कार्टून इस्लामिक पर्व रमज़ान के दौरान प्रकाशित हुआ, जिसने पूरे बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन की आग को भड़का दिया और इसकी वजह से अरीफुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया।[६] [७] [८] [९] [१०] [११]
18 सितंबर 2007 को आलपिन पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया और आलपिन के संपादक को निलंबित कर दिया गया।[१२] बांग्लादेशी समाचार संपादकों ने यह निर्णय लिया कि वे भविष्य में उनके कार्टूनों को कभी प्रकाशित नहीं करेंगे। जेल में अरीफुर रहमान ने सोचा कि रिहा होने के बाद वह आलपिन जैसी किसी पत्रिका की शुरुआत करेंगे। “धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने” के ज़ुर्म में 6 महीने और 2 दिन जेल में काटने के बाद, उन्हें 20 मार्च 2008 को रिहा कर दिया गया लेकिन वह अपने काम को कहीं भी प्रकाशित नहीं करवा सकते थे।[१३] [१४] [१५] [१६]
एक वर्ष बाद, कुछ समाचार पत्रों ने उनके कार्टून प्रकाशित किये लेकिन वे सभी बिना नाम के प्रकाशित किये गए थे। लेकिन अरीफुर रहमान बिना अपना नाम दिए कार्टून प्रकाशित करवा कर खुश नहीं थे| वह हमेशा से ही अपने खुद के नाम से कार्टून प्रकाशित करना चाहते थे। इसलिए, उन्होंने एक कार्टून पत्रिका छापनी चाही लेकिन उनके पास पर्याप्त धन नहीं था। तब, उन्होंने इसे इंटरनेट पर प्रकाशित करने का निर्णय लिया जो दुनियाभर के दर्शकों तक पहुंचने का सस्ता और आसान तरीका है। 2009 में उन्होंने "टून्स मैग ऑनलाइन कार्टून मैगज़ीन" की शुरुआत की।[१४]
पुरस्कार
वर्ष 2015 में, टून्स मैग बंगाली ने डच वेल, जर्मनी में पीपल्स चॉइस श्रेणी में "बेस्ट ऑफ़ ऑनलाइन एक्टिविज्म" का ख़िताब जीता। [१७] [१८]
टून्स मैग कार्टूनों, कॉमिक्स, हास्यचित्रों और लेखों के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है। यह अंग्रेजी, बांग्ला, अरबी, स्पैनिश और हिंदी भाषाओं में प्रकाशित की जाती है।[१४]
कार्टून प्रतियोगिता और प्रदर्शनियां
वर्ष 2015 से, टून्स मैग बच्चों के अधिकारों, महिलाओं के अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लैंगिक समानता का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्टून प्रतियोगिता और प्रदर्शनियों का आयोजन कर रही है।
2015: युद्ध में बच्चे
वर्ष 2015 में, टून्स मैग ने सीरिया, यमन, अफगानिस्तान, इराक जैसे देशों में युद्ध और संघर्ष वाले इलाकों में फंसे बच्चों की पीड़ा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए "युद्ध में बच्चे" विषय पर अंतरराष्ट्रीय कार्टून प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन किया। यह प्रदर्शनी दिल को छू लेने वाली थी, जिसे नॉर्वे और स्वीडन में कई जगहों पर प्रदर्शित किया गया। 51 देशों के एक सौ अठाईस कार्टूनिस्टों ने इसमें भाग लिया।[१९] इस प्रदर्शनी का उद्घाटन दिनांक 10 सितंबर 2015 को अविस्टनर्न्स हुस, ड्रोबक में बिशप एटल सॉमरफेल्ट द्वारा किया गया। उदघाटन के बाद, इस प्रदर्शनी को ओस्लो, नेसऑडेन, बरजेन, स्टवांगर, हॉजसन, क्रिस्टियनसैंड और स्वीडन के नोरकोपिंग में भी दिखाया गया। इस कार्यक्रम को नॉर्वेजियन कार्टूनिस्ट गैलरी और फ्रिट ऑर्ड द्वारा सहायता प्रदान की गई।[२०] [२१]
2016: महिलाओं के अधिकार
यह कार्टून प्रतियोगिता अरीफुर रहमान और टून्स मैग द्वारा आयोजित की गई और इस प्रतियोगिता के लिए 79 अलग-अलग देशों के 567 कार्टूनिस्टों द्वारा बनाए गए 1625 चित्र प्राप्त हुए| [२२] चयनित चित्रों को 8 मार्च 2016 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ड्रोबक, बंगलुरु और उत्तर प्रदेश में “महिलाओं के अधिकार” विषय पर आयोजित एक प्रदर्शनी में दिखाया गया। प्रदर्शनी में दिखाए गए चित्र महिलाओं के अधिकार और सीमाएँ; शिक्षा का अभाव, जबरन विवाह, महिला जननांग विच्छेद, हिंसा, भेदभाव, कानूनी संरक्षण, और कार्यभार जैसे मुद्दों को दर्शाते हैं।[२३] [२४]
10 दिसम्बर 2016 में इसे परसोव वेव क्लब, स्लोवाकिया स्थित ब्रेन स्नीज़िंग गैलरी में प्रदर्शित किया गया।[२५] [२६]
इस कार्यक्रम को नॉर्वेजियन कार्टूनिस्ट गैलरी, फ्रिट ऑर्ड, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट, ब्रेन स्नीज़िंग गैलरी, परसोव वेव क्लब, ई.ई,ए. फंड्स और स्लोवाक रिपब्लिक द्वारा सहयोग प्रदान किया गया था। पाठ=Women's Rights cartoon exhibition in Drøbak|अंगूठाकार| ड्रोबक में महिला अधिकार कार्टून प्रदर्शनी
नाम | व्यवसाय | देश |
---|---|---|
सिरी डॉककेन | कार्टूनिस्ट और इलस्ट्रेटर | नॉर्वे |
सबाइन वोइगट | कार्टूनिस्ट | जर्मनी |
सादेट डेमीर यालकीन | कार्टूनिस्ट | तुर्की |
निगार नज़र | कार्टूनिस्ट | पाकिस्तान |
अहसान हबीब | कार्टूनिस्ट और एडमाड के संपादक | बांग्लादेश |
बोरिस्लाव स्टैंकोविक | कार्टूनिस्ट | सर्बिया |
जन-एरिक एंडर | कार्टूनिस्ट | स्वीडन |
मैट वूयरकर | संपादकीय कार्टूनिस्ट | संयुक्त राज्य अमेरिका |
567 कार्टूनिस्टों में से 12 कार्टूनिस्टों ने पुरस्कार जीते|
नाम | देश | पुरस्कार |
---|---|---|
मार्सिन बोंड्रोविक्ज़ | पोलैंड | प्रथम पुरस्कार |
नेनाद ओस्टोजिक | क्रोएशिया | द्वितीय पुरस्कार |
रजा मोख्तारजोजी | संयुक्त राज्य अमेरिका | तीसरा पुरस्कार |
ज़िग्मंट ज़राडकिविज़ | पोलैंड | माननीय उल्लेख |
ज़्लातकोवस्की मिखाइल | रूस | माननीय उल्लेख |
ओसामा हज्जाज | जॉर्डन | माननीय उल्लेख |
सहर अजमी | ईरान | माननीय उल्लेख |
सज्जाद रफ़ी | ईरान | माननीय उल्लेख |
सेलोई पीटर्स | ब्राज़िल | माननीय उल्लेख |
आफरी दिव्यांशी | इंडोनेशिया | माननीय उल्लेख |
मिशेल किक्का | इजराइल | माननीय उल्लेख |
प्लांतू | फ्रांस | माननीय उल्लेख |
2017: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
इस प्रदर्शनी को बांग्लादेश के अरीफुर रहमान के साथ मिलकर आयोजित किया गया था, जो खुद भी अपने चित्रों के लिए यातना के शिकार हुए थे और जेल में डाले गए थे। इस प्रदर्शनी में 83 देशों के 518 कार्टूनिस्टों से भाग लिया और 1,556 कार्टून प्रस्तुत किये गए।
प्रदर्शनी का उदघाटन तीन देशों में किया गया। श्री पेर एड्गार्ड कॉकवोल्ड, लेखक और नॉर्वेजियाई ब्राडकास्टिंग परिषद् के अध्यक्ष, पूर्व समाचारपत्र संपादक और नॉर्वेजियाई प्रेस संघ के महासचिव तथा प्रेस शिकायत आयोग के अध्यक्ष ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया| नॉर्वेजियाई संगीतकर श्री मॉडी नटसेन ने प्रदर्शनी का उदघाटन किया और नॉर्वेजियाई राजनीतिक कार्टूनिस्ट श्री रोर हैगन ने विजेता के नाम की घोषणा की। [२७]
बंगलुरु, भारत में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स में प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के निदेशक डॉ. सत्यभामा बद्रीनाथ ने किया।[२८] [२९]
यह प्रदर्शनी कैचनी मोज़गु-ब्रेन स्नीज़िंग गैलरी, परसोव और कोसीके, स्लोवाकिया के साथ-साथ ओस्लो, नॉर्वे में स्लोवाक दूतावास में भी लगाई गयी।
इस कार्यक्रम के आयोजन में नॉर्वेजियन कार्टूनिस्ट गैलरी, फ्रिट ऑर्ड, फेस्टिवल ऑफ लिटरेचर इन लिल हैमर, ब्रेन स्नीज़िंग गैलरी, परसोव और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट द्वारा सहयोग प्रदान किया गया| बाद में इसे ऐड्सवोल में भी प्रदर्शित किया गया।[२७] [३०] [३१]
नाम | व्यवसाय | देश |
---|---|---|
एन टेलनेस | संपादकीय कार्टूनिस्ट | संयुक्त राज्य अमेरिका |
लिजा डोनली | कार्टूनिस्ट और लेखक | संयुक्त राज्य अमेरिका |
रोर हेगन | संपादकीय कार्टूनिस्ट | नॉर्वे |
एगिल न्यहस | संपादकीय कार्टूनिस्ट | नॉर्वे |
कैरिना मिल्डे | क्यूरेटर | स्वीडन |
नेनाद ओस्टोजिक | कार्टूनिस्ट | क्रोएशिया |
सिंटिया बोलियो | कार्टूनिस्ट | मेक्सिको |
अतीकुल्लाह शाहिद | कार्टूनिस्ट | अफ़ग़ानिस्तान |
जूडी नादिन | कार्टूनिस्ट | ऑस्ट्रेलिया |
जॉन कर्टिस | संपादकीय कार्टूनिस्ट | दक्षिण अफ्रीका |
518 कार्टूनिस्टों में से 12 कार्टूनिस्टों ने पुरस्कार जीते।
नाम | देश | पुरस्कार |
---|---|---|
जोस एंटोनियो रॉड्रिग्ज गार्सिया | मेक्सिको | प्रथम पुरस्कार |
ब्रूनो हम्ज़जिक | ब्राज़िल | द्वितीय पुरस्कार |
एरिस्टाइड्स ई। हर्नांडेज़ | क्यूबा | तीसरा पुरस्कार |
मिरो स्टेफनोविक | सर्बिया | माननीय उल्लेख |
एंजेल बोलिगन | मेक्सिको | माननीय उल्लेख |
फिरोज कुतल | नॉर्वे | माननीय उल्लेख |
गैलिम बोरानबायेव | कजाखस्तान | माननीय उल्लेख |
वाल्टर गैस्टाल्डो | अर्जेंटीना | माननीय उल्लेख |
आंद्रेई पोपोव | रूस | माननीय उल्लेख |
यिहेंव कार्यु | इथियोपिया | माननीय उल्लेख |
जूलियो कैरियॉन क्यूवा | पेरू | माननीय उल्लेख |
जितेत कुस्ताना | इंडोनेशिया | माननीय उल्लेख |
वर्ष का कार्टूनिस्ट पुरस्कार
एक वार्षिक पुरस्कार जो कार्टूनिस्टों को उनके सर्वश्रेष्ठ कार्टून के लिए प्रशंसा और प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किया जाता है।
साल | कार्टूनिस्ट | देश | परिचय |
---|---|---|---|
2016/17 | जोस एंटोनियो रॉड्रिग्ज गार्सिया | मेक्सिको | मेक्सिको से राजनीतिक कार्टूनिस्ट और इलस्ट्रेटर |
2018 | अर्काडियो एस्क्विवेल | कोस्टा रिका | कार्टूनिस्ट और कोस्टा रिका विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ जनरल स्टडीज में ललित कला विभाग के प्रो |
यह भी देखें
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- ↑ साँचा:Cite web
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- ↑ "Arrest warrant against cartoonist in Bangladesh". Hindustan Times.
- ↑ साँचा:Cite web
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- ↑ "Violence over Bangladesh cartoon". 21 September 2007. मूल से 22 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 May 2019.
- ↑ "Bangladesh suspends magazine over controversial cartoon". Reuters. Reuters. 21 September 2007. मूल से 12 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 May 2019.
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
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- ↑ "Cartoonist jailed in Bangladesh". 19 September 2007. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 May 2019.
- ↑ "Bangladesh suspends magazine over controversial cartoon". Reuters. 21 September 2007. मूल से 12 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 July 2019.
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ १४.० १४.१ १४.२ साँचा:Cite web
- ↑ Greenslade, Roy (20 September 2007). "Bangladesh cartoonist arrested". The Guardian. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0261-3077. मूल से 22 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 July 2019.
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- ↑ २७.० २७.१ साँचा:Cite web सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; ":1" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web