More actions
ढाँक एक प्रकार के लोकगीत हैं जो उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में प्रचलित हैं। साँप के काटे जाने पर इसका आयोजन किया जाता है। एक व्यक्ति घड़े के ऊपर काँसे की थाली रख कर काठ की लकड़ी से उसे बजाता है और कुछ गायक एक साथ मिलकर सम्मिलित स्वर में नाग देवता को खुश करने के लिए गीत गाते हैं। ऐसा लोक विश्वास है कि इससे साँप का विष खिंच जाता है और व्यक्ति ठीक हो जाता है।[१]
सन्दर्भ
- ↑ हिन्दी साहित्य कोश, भाग १, ज्ञानमण्डल लिमिटेड वाराणसी, पृष्ठ २६९