मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

निर्णीतानुसरण

भारतपीडिया से

साँचा:आधारसाँचा:Wikify निर्णीतानुसरण (=निर्णीत + अनुसरण ; Stare decisis) का सिद्धान्त यह है कि न्यायालयों द्वारा दिये गये पूर्वनिर्णय प्राधिकारपूर्ण तथा बन्धनकारी होते हैं तथा इनका अनुसरण किया जाना अनिवार्य है। जब अनेक निर्णयों द्वारा किसी वैधानिक प्रश्न को स्पष्टतया सुनिश्चित कर दिया जाता है, तो उसका अनुसरण करने तथा उसे न बदलने के सिद्धान्त को निर्णीतानुसरण का सिद्धान्त कहते हैं। निर्णीतानुसरण का सिद्धान्त इंग्लिश विधि का एक सर्वमान्य सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार पूर्व-निर्णय इंग्लैण्ड के न्यायालयों द्वारा दिये गये निर्णय समान तथ्यों वाले मामलों में ब्रिटेन के न्यायालयों पर बन्धनकारी होते हैं। इसीलिए वहाँ न्यायिक पूर्व-निर्णयों को विधि के तात्विक स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त है। निर्णयानुसरण के लिए दो बातें आवश्यक हैं-

  • (1) निर्णीत वादों की रिपोर्टिंग की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये; तथा
  • (2) श्रेणीबद्ध न्यायालयों की निश्चित शृंखला होनी चाहिये।