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भारतीय धर्मों (हिन्दू, जैन, बौद्ध आदि) में पवित्र स्थलों के चारो ओर श्रद्धाभाव से चलना 'परिक्रमा'साँचा:Dead link या 'प्रदक्षिणा' कहलाता है। मन्दिर, नदी, पर्वत आदि की परिक्रमासाँचा:Dead link को पुण्यदायी माना गया है।
चौरासी कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा आदि का विधान है। परिक्रमा की यात्रा पैदल, बस या दूसरे साधनों से तय की जा सकती है लेकिन अधिकांश लोग परिक्रमा पैदल चलकर पूर्ण करते हैं। परिक्रमा दक्षिणावर्त (क्लॉक-वाइज) होती है, अर्थात परिक्रमा करते समय देवस्थान या देवता अपने दाएँ हाथ की तरफ रहते हैं। ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन, अयोध्या में सरयू, चित्रकूट में कामदगिरि और दक्षिण भारत में तिरुवन्मलई की परिक्रमा होती है जबकि उज्जैन में चौरासी महादेव की यात्रा का आयोजन किया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- धरती की सबसे पुरानी परिक्रमा
- 84 लाख योनियों से छुटकारा दिलाती है 84 कोसी यात्रा