More actions
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करने वाली एक संस्था है।जीवन की दौड़-धूप से थक चुके मनुष्य आज शांति की तलाश में इस संस्था की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं।
यह कोई नया धर्म नहीं बल्कि विश्व में व्याप्त धर्मों के सार को आत्मसात कर उन्हें मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करने वाली एक संस्था है। जिसकी विश्व के १३७ देशों में ८,५०० से अधिक शाखाएँ हैं। इन शाखाओं में १० लाख विद्यार्थी प्रतिदिन नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करते हैं। ok
स्थापना
इस संस्था की स्थापना दादा लेखराज जी ने की, जिन्हें व आज हम प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से जानते हैं[१]।
दादा लेखराज अविभाजित भारत में हीरों के व्यापारी थे। वे बाल्यकाल से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। 60 वर्ष की आयु में उन्हें परमात्मा के सत्यस्वरूप को पहचानने की दिव्य अनुभूति हुई। उन्हें ईश्वर की सर्वोच्च सत्ता के प्रति खिंचाव महसूस हुआ। इसी काल में उन्हें ज्योति स्वरूप निराकार परमपिता शिव का साक्षात्कार हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे उनका मन मानव कल्याण की ओर प्रवृत्त होने लगा।
उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्त होने और परमात्मा का मानवरूपी माध्यम बनने का निर्देश प्राप्त हुआ। उसी की प्रेरणा के फलस्वरूप सन् 1937 में उन्होंने इस विराट संगठन की छोटी-सी बुनियाद रखी। सन् 1937 में आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा अनेकों तक पहुँचाने के लिए इसने एक संस्था का रूप धारण किया।
इस संस्था की स्थापना के लिए दादा लेखराज ने अपना विशाल कारोबार कलकत्ता में अपने साझेदार को सौंप दिया। फिर वे अपने जन्मस्थान हैदराबाद सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में लौट आए। यहाँ पर उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति इस संस्था के नाम कर दी। प्रारंभ में इस संस्था में केवल महिलाएँ ही थी।ब्रह्मकुमारी की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का १०४ वर्ष की उम्र में माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में २७ मार्च २०२० शुक्रवार को तड़के २ बजे देहावसान हो गया [२]।[१] बाद में दादा लेखराज को ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ नाम दिया गया। जो लोग आध्यात्मिक शांति को पाने के लिए ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ द्वारा उच्चारित सिद्धांतो पर चले, वे ब्रह्मकुमार और ब्रह्मकुमारी कहलाए तथा इस शैक्षणिक संस्था को ‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय’ नाम दिया गया।
इस विश्वविद्यालय की शिक्षाओं (उपाधियों) को वैश्विक स्वीकृति और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।
अन्तर्राष्ट्रीय संयोजन
ब्रह्माकुमारी का अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय भारत के माउण्ट आबू में स्थित है[३]। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गयी अनेक गतिविधियों को सामान्यत: स्थानीय लोगों द्वारा ब्रह्माकुमारी के ईश्वरीय नियमों के आधार पर और वहाँ के उस क्षेत्र के अपने नियमों और कायदों के आधार पर संचालित किया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली गतिविधियों को विभिन्न देशों में स्थित कार्यालयों के माध्यम से संचालित किया जाता है, जैसे लण्डन, मॉस्को, नैरोबी, न्यूयॉर्क और सिडनी।
एक आध्यात्मिक नेता के रूप में महिलाओं की भूमिका
ब्रह्माकुमारीज़ महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को शुरू से ही आगे रखने का फैसला लिया और इसी के कारण विश्व की अन्य सभी आध्यात्मिक और धार्मिक संस्थानों के बीच में ब्रह्माकुमारीज़ अपना अलग अस्तित्व बनाये हुए है। पिछले 80 वर्षों से इनके नेतृत्व ने लगातार हिम्मत, क्षमा करने की क्षमता और एकता के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को साबित किया है।
हालांकि सभी शीर्ष व्यवस्थापकीय पदों पर महिलायें नेतृत्व करती हैं लेकिन यह शीर्ष की महिलायें हमेशा अपने निर्णय भाईयों के साथ मिलजुल कर लेती हैं। यह सहभागिता और आम सहमति के साथ नेतृत्व का एक आदर्श है जो सम्मान, समानता और नम्रता पर आधारित है। यह एक कुशल और सामंजस्यपूर्ण अधिकारों के उपयोग का उदाहरण रूप है।
ब्रह्माकुमारीज़ की मूल शिक्षाएँ एवं सिद्धांत उन के 'राजयोग कोर्स' द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं | यह कोर्स आत्मा और तत्वों के बीच के आपसी संबंध की वास्तविक समझ प्रदान करता है | साथ-ही-साथ आत्मा, परमात्मा और भौतिक विश्व के बीच परस्पर सम्बन्ध की समझ भी दी जाती है | इस कोर्स के विभिन्न सत्र आपकी आंतरिक यात्रा को सक्षम और प्रभावशाली बनाने में मदद करेंगे
- चेतना और आत्म अनुभूति
- परमात्मा के साथ सम्बन्ध और समीपता
- कर्म के सिद्धान्त
- समय चक्र
- जीवन रूपी वृक्ष
- आध्यात्मिक जीवनशैली
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- ब्रह्मकुमार का हिन्दी जालस्थल
- BrahmaKumaris.Com - ब्रह्मकुमारियों का भारतीय जालस्थल
- बीकेवार्ता - ब्रह्मकुमारी के बारे में विविध सूचनाओं से परिपूर्ण हिन्दी जालघर
- भगवानभाई का हिन्दी ब्लॉग
- BKWSU.Org - Brahma Kumaris International website
- अन्य
- BrahmaKumaris.Info - Independent support website run by mainly ex-members and associates of the BKWSU
- ReachoutTrust.Org - Christian perspective of Brahma Kumaris
- RickRoss.Com - End of the World Predicted.
- PBKs.Info - Alternative interpretations of Brahma Kumaris' channelled messages
- ↑ १.० १.१ साँचा:Cite book सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>
अमान्य टैग है; "Jīvana ko palaṭāne vālī eka adbhuta jīvana-kahānī 1973 p." नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ https://navbharattimes.indiatimes.com/state/rajasthan/jaipur/brahma-kumaris-chief-rajyogini-dadi-janki-passes-away-pm-modi-express-condolences/articleshow/74846640.cms
- ↑ साँचा:Cite web