More actions
प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश के भोपाल - सीहोर लोकसभा क्षेत्र की सांसद हैं ।[१] उन्हें आतंकी आरोपों के लिए गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा, लेकिन विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा मकोका धारा के तहत आरोप छोड़ने के बाद उन्हे जमानत दे दी गई।।[२] वे तब सुर्खियों में आयीं जब सन 2008 में उन पर मालेगाँव में हुए बम विस्फोंटों में आरोपी बनाया गया था और उन्हें गिरफ्तार किया गया था।[३] सन २०१९ के प्रयागराज कुम्भ के अवसर पर उन्हें 'भारत भक्ति अखाड़े' का आचार्य महामण्डलेश्वर घोषित किया गया था और अब वे 'महामण्डलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानन्द गिरी' के नाम से जानी जाती हैं।
जीवनी
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को हुआ था।[४] मध्य प्रदेश के भिंड में प्रज्ञा ठाकुर के पिता डॉ. चंद्रपाल सिंह एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मरीजों का इलाज करते थे। प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश (भिण्ड जिला) के एक मध्यवर्गीय कुशवाहा राजपूत परिवार से हैं। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं व्यवसाय से आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ीं व किसी समय सन्यास ले लिया। भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रहीं। इतिहास में परास्नातक प्रज्ञा हमेशा से ही दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ी रहीं। वे विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से जुड़ी थीं। भिंड के लाहार कॉलेज से इतिहास में स्नातकोतर तक पढ़ाई करने वाली प्रज्ञा को छात्र जीवन में एक मुखर वक्ता के तौर पर देखा जाता था |
वे कई बार अपने भड़काऊ भाषणों के लिए सुर्खियों में रहीं। 2002 में उन्होंने 'जय वन्दे मातरम् जन कल्याण समिति' बनाई। बाद में वे स्वामी अवधेशानन्द गिरि के संपर्क में आयीं। इसके बाद उन्होंने एक 'राष्ट्रीय जागरण मंच' बनाया। इस दौरान वह मध्य प्रदेश और गुजरात के एक शहर से दूसरे शहर जाती रहीं।
2008 के मालेगांव आतंकवादी बम विस्फोट
2008 में मालेगांव में बम विस्फोट हुआ उसमें पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। 2017 में एनाआईए के एक विशेष कोर्ट ने इनपर लगी मकोका की धाराएं हटा दी, एवं गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन अधिनियम के अंतर्गत आंतकवाद पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया।[५]
2017 में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया कर दिया गया था।[६] लखनऊ कार्डियोथोरेसिक और संवहनी सर्जन ने कहा कि 2008 में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक द्विपक्षीय मास्टेक्टॉमी (दोनों स्तनों को हटाने) किया।[७] सितंबर 2011 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने प्रज्ञा को कथित रूप से लंबे समय तक हिरासत में रखने के दावे को खारिज कर दिया।[८][९]
राजनीतिक जीवन
चित्र:Sadhvi Pragya Singh Thakur participates in bhajan at 'Curfew-wali Mata' Temple.webm प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने १७ अप्रैल २०१९ को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने उन्हें सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य के लिए भोपाल से लोकसभा का टिकट दिया था यहाँ उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से था।, चुनाव में वे दिग्विजय सिंह को हराकर भोपाल सांसद चुनी गई।
भारत निर्वाचन आयोग ने पुलिस को प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ उनकी बाबरी मस्जिद टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस में भाग लिया था। चुनाव आयोग ने बाद में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रचार करने से 72 घंटे के लिए साध्वी प्रज्ञा को प्रतिबंधित कर दिया [१०]
वर्तमान में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की सदस्य है।[११]
विवाद
जुलाई 2019 में, प्रज्ञा ने कहा कि वह नालों या शौचालय की सफाई के लिए व्यवस्थापक नहीं बनी है।[१२] जुलाई 2020 में, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोगों से 5 अगस्त, 2020 तक दिन में पांच बार हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील की ताकि कोरोनावायरस को मिटाया जा सके।[१३]
दिसंबर 2020 में, क्षत्रिय महासभा की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने एक विवादास्पद टिप्पणी की। ठाकुर ने कहा कि ब्राह्मणों को ब्राह्मण कहलाने पर बुरा नहीं लगता, वैसे ही क्षत्रिय और वैश्य को भी। लेकिन शूद्र अज्ञानता के कारण शूद्र कहलाना पसंद नहीं करते, वे "समझने में असमर्थ" हैं।[१४][१५]
मई 2021 में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय गायों के मूत्र से हमारे फेफड़ों में संक्रमण कम होता है और यह कोरोनावायरस से बचाव करता है।[१६][१७] छद्म विज्ञान को बढ़ावा देने वाले बयान देने के लिए उनकी कड़ी आलोचना की गई थी।[१८][१९]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
| references-column-width | references-column-count references-column-count-{{#if:1|2}} }} | {{#if: | references-column-width }} }}" style="{{#if: 2 | {{#iferror: {{#ifexpr: 2 > 1 }} | -moz-column-width: {{#if:1|2}}; -webkit-column-width: {{#if:1|2}}; column-width: {{#if:1|2}}; | -moz-column-count: {{#if:1|2}}; -webkit-column-count: {{#if:1|2}}; column-count: {{#if:1|2}}; }} | {{#if: | -moz-column-width: {{{colwidth}}}; -webkit-column-width: {{{colwidth}}}; column-width: {{{colwidth}}}; }} }} list-style-type: {{#switch: | upper-alpha | upper-roman | lower-alpha | lower-greek | lower-roman = {{{group}}} | #default = decimal}};">
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Citation
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web