फ्रैंक फकरुल इस्लाम

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साँचा:ज्ञानसन्दूक | label1 = जन्म | data1 = आज़मगढ़, भारत[१] | label2 = | data2 = | label3 = मौत की वजह | data3 = | data4 = | label4 = शरीर मिला | label5 = समाधि | class5 = label | data5 = {{{resting_place}}} | label6 = आवास | class6 = label | data6 = वॉशिंगटन, डी॰ सी॰ | label7 = राष्ट्रीयता | data7 = | label8 = उपनाम | class8 = उपनाम | data8 = | label9 = जाति | data9 = | label10 = नागरिकता | data10 = | label11 = शिक्षा | data11 = मास्टर ऑफ साइंस कंप्यूटर में | label12 = शिक्षा की जगह | data12 = अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय,[१] कोलोराडो विश्वविद्यालय | label13 = पेशा | class13 = भूमिका | data13 = एफआई निवेश समूह के अध्यक्ष और सीईओ | label14 = कार्यकाल | data14 = | label15 = संगठन | data15 = | label16 = गृह-नगर | data16 = | label17 = पदवी | data17 = | label18 = वेतन | data18 = | label19 = कुल दौलत | data19 = | label20 = ऊंचाई | data20 = | label21 = भार | data21 = {{{भार}}} | label22 = प्रसिद्धि का कारण | data22 = | label23 = अवधि | data23 = | label24 = पूर्वाधिकारी | data24 = | label25 = उत्तराधिकारी | data25 = | label26 = राजनैतिक पार्टी | data26 = | label27 = बोर्ड सदस्यता | data27 = | label28 = धर्म | data28 = | label29 = जीवनसाथी | data29 = | label30 = साथी | data30 = | label31 = बच्चे | data31 = | label32 = माता-पिता | data32 = | label33 = संबंधी | data33 = | label35 = कॉल-दस्तखत | data35 = | label36 = आपराधिक मुकदमें | data36 = | label37 = | data37 = साँचा:Br separated entries | class38 = label | label39 = पुरस्कार | data39 = | data40 = | data41 = "वेबसाइट"
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फ्रैंक फकरुल इस्लाम (चर्चित नाम: फ्रैंक इस्लाम) एक भारतीय मूल के सूचना प्रौद्योगिकी उद्यमी हैं, जो अमेरिका में एफआई निवेश समूह का प्रमुख हैं। वे क्यूएसएस समूह के संस्थापक और सीईओ रह चुके हैं। वे अमरीका में एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाते हैं और करोड़ों डॉलर के मालिक और बड़े निवेशकों में से एक हैं। वे अमरीका पढ़ाई करने आए थे और बस यहीं के होकर रह गए। [२]

उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में एक किसान परिवार में जन्मे फ्रैंक वर्ष 1970 में 15 साल की उम्र में अमेरिका चले गए। उस समय पांच सौ डॉलर (करीब 31 हजार रुपए) से भी कम अपने साथ ले गए थे। उन्होंने अपना घर गिरवी पर रखकर 1993 में मेरीलैंड की एक घाटे में चल रही आईटी कंपनी को 50 हजार डॉलर (करीब 31 लाख रुपए) खरीदा था। उन्होंने 2007 में अपनी आईटी कंपनी बेच दी और अपना जीवन परोपकार के कामों में लगा दिया। उन्होने किंग और गांधी को अपना मार्गदर्शक मानते हैं। महान नेता की विरासत को दर्शाने वाला यह सम्मान फ्रैंक को अंतरराष्ट्रीय सेवाओं और लोगों से जुड़ने की उनकी प्रवत्ति के लिए दिया गया है। फ्रैंक को उनकी मुहिम 'सपनों को जिंदा रखने' के लिए उन्हें मार्टिन लूथर किंग जूनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[३]

वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के खास मित्र हैं और उनके चुनाव अभियान के दौरान धन मुहैया कराया था, जिससे वे चर्चा में आए थे।[४]

संदर्भ

  1. १.० १.१ "Man who went from Azamgarh to Obama's team - TOI Mobile - The Times of India Mobile Site" [वह आदमी जो आजमगढ़ से ओबामा की टीम में गया था] (English में). द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. मूल से 18 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
  2. "फ्रैंक इस्लाम" (English में). हफ़िंगटन पोस्ट. मूल से 27 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
  3. "फ्रैंक इस्लाम : प्रोफाइल". मूल से 14 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
  4. "आज़मगढ़ की गलियों से ओबामा की दोस्ती तक". बीबीसी हिन्दी. मूल से 28 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.