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भौतिकवाद

भारतपीडिया से

साँचा:स्रोतहीन साँचा:आधार साँचा:About भौतिकवाद (साँचा:Lang-en) दार्शनिक एकत्ववाद का एक प्रकार हैं, जिसका यह मत है कि प्रकृति में पदार्थ ही मूल द्रव्य है, और साथ ही, सभी दृग्विषय, जिस में मानसिक दृग्विषय और चेतना भी शामिल हैं, भौतिक परस्पर संक्रिया के परिणाम हैं।

भौतिकवाद का भौतिकतावाद (साँचा:Lang-en) से गहरा सम्बन्ध हैं, जिसका यह मत है कि जो कुछ भी अस्तित्व में है, वह अंततः भौतिक हैं। भौतिक विज्ञानों की ख़ोज के साथ, दार्शनिक भौतिकतावाद भौतिकवाद से क्रम-विकसित हुआ, ताकि सिर्फ सामान्य पदार्थ के बजाए भौतिकता के अधिक परिष्कृत विचारों को समाहित किया जा सके, जैसे कि, दिक्-काल, भौतिक ऊर्जाएँ और बल, डार्क मैटर, इत्यादि। अतः, कुछ लोग "भौतिकवाद" से बढ़कर "भौतिकतावाद" शब्द को वरीयता देते हैं, जबकि कुछ इन शब्दों का प्रयोग समानार्थी शब्दों के रूप में करते हैं।

भौतिकवाद या भौतिकतावाद से विरुद्ध दर्शनों में आदर्शवाद, बहुलवाद, द्वैतवाद और एकत्ववाद के कुछ प्रकार सम्मिलित हैं।

प्रणाली के रूप में भौतिकवाद

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ