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मनोकामना/मनकामना भगवति गोरखा में स्थित मनोकामना मन्दिर भी एक महत्वपूर्ण देवीस्थान शक्तिपीठ माना जाता है। मन कि कामना पूरी होती है ऐसा माने जाने के कारण इस भगवती का नाम मनोकामना पड़ गया। राम शाह की रानी स्वयं मनोकामना भगवती का अवतार थीं यह जनविश्वास है। दशहरे में पूजा करने आने वाले श्रद्धालुओं कि बहुत बड़ी भीड़ लगती है। यहाँ प्रत्येक अष्टमी के दिन बली चढ़ाने की परंपरा है। मनोकामना के दर्शन से मनोकांक्षा पूरी होती है ऐसा धार्मिक विश्वास छ।
पता
मनोकामना मन्दिर, गोर्खा जिला मुख्यालय से दक्षिणपुर्वी भाग कि ओर अवस्थीत है। यह मन्दिर गोर्खा के मुख्यालय पोखरीथोक बाजार से १२ किलोमिटर दक्षिण, तनहू के आबुखैरेनी से ५ किलोमिटर पूर्व और चितवन के मुग्लिन से २६ किलोमिटर उत्तर में अवस्थित है। समुद्री सतह से १३०३ मिटर के ऊँचाई पर अवस्थित यह मन्दिर के परिसर से दक्षिण के तरफ महाभारत झील और छिम्केश्वरी डाँडा के साथ हि उत्तरी भाग में अन्नपुर्ण हिमालय और मनास्लु हिमालय कि चोटियां देखी जा सकती है। मन्दिर प्रांगण से सुर्यादय और सुर्यास्त का मनमोहक दृष्य देखा जा सकता है।। [१]
कैसे जायें
मनकामना मंदिर जाने के लिए काठमांडू से पोखरा वाले रास्ते पर जाएं और मुगलिंग से 26 किलोमीटर पहले उत्तर कर सड़क किनारे ही मनोकामना देवी के मंदिर का प्रवेश द्वार है।
बुटबल से मुगलिंग पहुंचे और फिर काठमांडू के रास्ते पर 26 किलोमीटर आगे बढ़े मनकामना मंदिर का प्रवेश द्वार मिलेगा। वहीं से रोपवे से मनकामना मंदिर जा सकते हैं