More actions
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 165 के अनुसार राज्यपाल द्वारा महाधिवक्ता की नियुक्ति की जाती है। राज्य का सर्वोच्च विधि अधिकारी महाधिवक्ता होता है। महाधिवक्ता राज्यपाल के प्रसाद्पर्यंत कार्य करता है। (राज्यपाल उसे कभी भी उसके पद से हटा सकता है ) वह एक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश बनने की क्षमता रखता है।
कार्य
महाधिवक्ता राज्य प्रमुख को विधि संबंधी सलाह देने का कार्य करता है वह राज्य के दोनों सदनों ( विधानसभा तथा विधान परिषद ) की कार्यवाही में तथा सदन में बोलने की शक्ति रखता है लेकिन वह मतदान नही कर सकता है। उसे विधानमंडल के सदस्यों को मिलने वाले सभी वेतन भत्ते एवं विशेषाधिकार प्राप्त होत उदाहरण के लिये भारत में सभी राज्यों में महाधिवक्ता होते हैं। राज्य में जो स्थिति महाधिवक्ता की है वही स्थिति केन्द्र में महान्यायवादी (एटॉर्नी जनरल) की होती है। अकटूबर २०१८ में एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने यह पद ग्रहण किया। [१]
महान्यायवादी का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 76 में किया गया है राष्ट्रपति अनुच्छेद 76(1) के तहत महान्यायवादी की नियुक्ति करता है