मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

माइक्रोकंट्रोलर

भारतपीडिया से
चित्र:Microchip PIC18F252.jpg
माइक्रोचिप का PIC 18F252 माइक्रोकन्ट्रोलर (८-बिट, १६-किलोबाइट फ्लैश, ४० मेगा हर्ट्स, DIP-28)

माइक्रोकन्ट्रोलर (Microcontroller or MCU) एक आइ॰ सी॰ (एकीकृत परिपथ) है जिसमें पूरा कम्प्यूटर समाहित होता है; अर्थात् एक ही आई॰ सी॰ के अन्दर कम्प्यूटर के चारों भाग (इन्पुट, आउटपुट, सीपीयू और स्मृति या भण्डारण) निर्मित होते हैं।

वस्तुतः यह भी एक प्रकार का माइक्रोप्रोसेसर ही है किन्तु इसकी डिजाइन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि यह आत्मनिर्भर हो (किसी कार्य के लिये दूसरी आई॰ सी॰ की जरूरत कम से कम या नहीं हो); तथा सस्ता हो। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये प्रायः RAM व ROM भी अन्तःनिर्मित कर दिये जाते हैं जबकि माइक्रोप्रोसेसरों को काम में लाने के लिये RAM व ROM अलग से लगाना पडता है।

माइक्रोकन्ट्रोलरों की सामान्य विशेषताएं

  • इनका अधिकतर उपयोग इम्बेडेड डिजाइनों में होता है।
  • सस्ते होते हैं।
  • बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन और खपत होती है।
  • ४-पिन से लेकर ६४-पिन के माइक्रोकन्ट्रोलर उपलब्ध हैं।
  • इनके डिजाइन में इन्टरप्ट लैटेन्सी कम से कम रखने की कोशिश की जाती है।

माइक्रोकन्ट्रोलरों की प्रोग्रामिंग

पहले माइक्रोकन्ट्रोलर की प्रोग्रामिंग प्रायः असेम्बली भाषा में करनी पडती थी। किन्तु आजकल अच्छे-अच्छे साफ्टवेयरों (कम्पाइलर, डिबगर, एमुलेटर आदि) के आ जाने से अब सीधे C या C++ में प्रोग्रामिंग सुलभ हो गयी है।

इतिहास

इन्हें भी देखें

माइक्रोप्रोसेसर

डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर

फिल्ड प्रोग्रामेबल गेट अर्रे

संगणक

बाहरी कड़ियाँ