मेनू टॉगल करें
Toggle personal menu
लॉग-इन नहीं किया है
Your IP address will be publicly visible if you make any edits.

मृत भाषा

भारतपीडिया से

मृत भाषा या विलुप्त भाषा उसे कहा जाता है, जिसे बोलने वाला कोई भी जीवित नहीं हो। चाहे उस भाषा का किसी अन्य भाषा बोलने वालों द्वारा अन्य प्रकार से उपयोग भी क्यों न हो रहा हो। इस तरह के भाषाओं का कोई मातृभाषी नहीं होता है। किसी भाषा के मृत या विलुप्त होने का कारण, उनके बोलने वालों द्वारा किसी अन्य भाषा को स्वीकार करना या उन सभी की मृत्यु हो जाना ही होता है।[१]

भाषा की मौत

सामान्यतः यदि उस भाषा का स्थान सीधे सीधे कोई अन्य भाषा ले लेती है तो उस भाषा का दूसरे भाषाओं में अनुवाद भी संभव होता है। जैसे अमेरिका में बने कई भाषाओं पर अंग्रेजी, फ्रांसीसी, पुर्तगाली आदि के उपनिवेशों ने वहाँ की भाषा को अपने भाषा के साथ बदल दिया। इस तरह के बदलाव से अनुवाद तो किया जा सकता है लेकिन उस भाषा को उसी रूप में पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कई वाक्य और शब्द उसी के साथ हमेशा के लिए मिट जाते हैं।

जिसके भी कोई बोलने वाले या लिखने वाले लोग न हो उसे विलुप्त भाषा मान लिया जाता है। इस तरह की भाषाओं को मृत भाषा भी कहा जाता है। कई कमजोर भाषाओं के लिए आर्थिक व सांस्कृतिक वैश्वीकरण और विकास के कारण खतरा पैदा हो गया है। विश्व बाजार में आसानी से बातचीत करने के लिए लोग अपनी मातृभाषा को छोड़ कर अंग्रेजी, चीनी, स्पेनी और फ्रांसीसी आदि भाषाओं को सीखने का प्रयास करते हैं। इसके कारण इसका प्रभाव उनके मातृभाषा पर पड़ता है।

अमेरिकी भाषाविद् सारा ग्रे थॉमसन और टेरेंस कौफमैन ने 1991 में भाषा परिवर्तन पर अध्ययन किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि भाषा के विलुप्ति के तीन मुख्य कारण है। पहला और आम कारण, किसी भाषा के बोलने वालों द्वारा अचानक अपने भाषा को छोड़ कर दूसरे प्रमुख भाषा को सीखना। दूसरा कारण, कई पीढ़ियों द्वारा धीरे धीरे भाषा की मौत होना। तीसरा और सबसे दुर्लभ कारण, किसी भाषा के व्याकरण और शब्द लगभग या पूरी तरह से बदल जायें, अर्थात किसी प्रमुख भाषा से व्याकरण और शब्दों को अत्याधिक उधार लेने के साथ साथ उस भाषा के कई मातृभाषी उस भाषा को अनावश्यक शब्दों और व्याकरण के नियमों के उधार लेने से बचाने का प्रयास करते हैं। इस कारण उस भाषा को बोलने वाले, उस प्रमुख भाषा को बोलना शुरू कर देते हैं और उनकी मातृभाषा को छोड़ देते हैं।

शिक्षा प्रणाली और मीडिया जैसे इंटरनेट, टेलीविजन और प्रिंट मीडिया आदि भी भाषा को विलुप्त करने में सहायक होते हैं। जैसे यदि कोई एक देश से दूसरे देश में जाता है तो उसके बच्चे उस देश के शिक्षा संस्थानों में जिस भाषा में पढ़ाई होता है, उसी में अपनी पढ़ाई करते हैं। ऐसे में वे अपनी मातृभाषा से दूर हो जाते हैं।

कारण

आर्थिक और सांस्कृतिक वैश्वीकरण

मृत्यु

उधार लेना

पूर्व कारण

उपनिवेशवाद

अमेरिका में बने कई भाषाएँ अंग्रेजी, फ्रांसीसी, पुर्तगाली आदि के उपनिवेशों के कारण अब मृत या विलुप्त भाषा बन गई है।

लूटपाट

19वीं सदी या से पूर्व कई देशों में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा हमला करने के साथ साथ वहाँ की चीजों को लूट भी लिया जाता था। इनमें पुस्तक आदि भी शामिल थे। इन आक्रमणकारियों द्वारा पुस्तकालय, ऐतिहासिक धरोहर आदि को नष्ट कर दिया जाता था, जिससे वहाँ केवल उनकी संस्कृति और भाषा ही बने रहे।

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची

बाहरी कड़ियाँ

  1. "भूमंडलीकरण का असर, सिमट रहा है मातृ भाषाओं का दायरा". दैनिक जागरण. 21 फरवरी 2017. मूल से 25 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2017.