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मोहम्मद अरशद अल कादरी

भारतपीडिया से

साँचा:Infobox revolution biography

मोहम्मद अरशद अल कादरी अथवा मोहम्मद अरशदुल कादरी (साँचा:Lang-ur) एक मुसलमान धार्मिक विद्वान एवं मुफ़्ती हैं। ये 1990 से लगातार दाता दरबार लाहौर (पाकिस्तान) की जामा मस्जिद में जनता की सांसारिक समस्याओं के धार्मिक दृष्टि से समाधान दे रहे हैं। वो अपने आगे उपलब्ध समय में कई लाख फ़त्वे दे चुके हैं। मोहम्मद अरशद अल कादरी कई पुस्तकों के लेखक हैं जिनमें से दो दर्जन छप चुकी हैं। वह सही तिरमज़ी की दर लिख रहे हैं।

शिक्षा

उनका बचपन कोट नैना तहसील शकर गढ़, पंजाब, पाकिस्तान में बीता और वहीं प्रारंभिक शिक्षा शुरू हुई। उन्होंने ने माध्यमिक शिक्षा लाहौर क्षेत्र बिलाल गंज में अपने शिक्षक श्री मोहम्मद अली नक्शबंदी और नजदीकी सरकारी इस्लामिया स्कूल खज़ाना गेट लाहौर से प्राप्त की उन्होंने सरकारी कॉलेज (जी सी) लाहौर से उच्च शिक्षा हासिल की और स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने दीनी तालीम के लिए तनज़ीमुल-मदारस अहले सुन्नत पाकिस्तान (बोर्ड) के परीक्षा उच्च स्थिति से पास किए। उन्होंने इसलामयात, अरबी और इतिहास में एमए के प्रमाणपत्र जामिया पंजाब (पी य़ु) से प्राप्त कीं। उन्होंने मुफ्ती अब्दुल क़य्यूम हज़ारवी, मुफ्ती अब्दुल क़य्यूम ख़ान हज़ारवी, मुफ्ती अब्दुल अलीम सयालवी और मुफ्ती मोहम्मद अब्दुल हकीम शरप़ कादरी से भी ज्ञान धर्म सीखा।

राणा अरशद क़ादरी

एक लंबे समय तक उनकी पहचान "राणा अरशद" के नाम से रही है। क्योंकि वह राणा परिवार में राणा मोहम्मद तुफैल के घर 16 फ़रवरी 1958 ई. को पैदा हुए और अपने नाम के साथ "राणा" शब्द लिखते रहे।

साँचा:अहले सुन्नत वल जमात बरेलवी

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अरशदुल कादरी के साथ भ्रमित मत हो