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यांत्रिक संतुलन

भारतपीडिया से

स्थैतिक संतुलन (static equilibrium) का मानक परिभाषा निम्नवत है-

कणों का कोई समूह स्थैतिक संतुलन की स्थिति में उस अवस्था में होता है जब सभी कण विराम अवस्था में हों तथा उनमें से प्रत्येक कण पर लगने वाले बलों का सदिश योग स्थाई रूप से शून्य हो।

सूत्र रूप में -
<math>

\left\{
 \begin{matrix}
  \mathbf{v} & = & 0 \\
  \boldsymbol{\omega} & = & 0 \\
  \sum \mathbf{F} & = & 0 \\
  \sum \mathbf{M} & = & 0
 \end{matrix}
\right.

</math>

यांत्रिक संतुलन थोड़ा अलग तरह से परिभाषित है:

कोई कण यांत्रिक संतुलन की स्थिति में उस अवस्था में होता है जब उस पर लगने वाले बलों का सदिश योग (net force) स्थाई रूप से शून्य हो।
सूत्र रूप में -

<math>\begin{cases}\sum \mathbf{F}^{ext} = 0 \\\sum \mathbf{M}^{ext} = 0\end{cases}</math>

अर्थात् कणों के किसी निकाय की यांत्रिक संतुलन की स्थिति के लिये आवश्यक एवं पर्याप्त शर्तें निम्नांकित हैं-

(क) सभी बलों का सदिश योग (vector sum) शून्य हो,
(ख) किसी भी रेखा के सापेक्ष सभी बाह्य बलों के आघूर्णों का योग शून्य हो।

संतुलन के प्रकार

  • स्थायी साम्य (stable equilibrium)
  • अस्थायी साम्य (unstable equilibrium)
  • उदासीन साम्य (neutral equilibrium)
  • मितस्थायी साम्य (metastable equilibrium)

इन्हें भी देखें