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याह्या या जॉन, जिन्हें बपतिस्मा-दाता जॉन भी कहा गया है, एक यहूदी धर्मशाशक थे, जिन्हें, बाइबल और क़ुरान में नबी और ईसा का अग्रदूत माना गया है।[१] इस्लामी साहित्य में उन्हें याह्या इब्न ज़कारिया कहा गया है। कुरान के अनुसार मुहम्मद मिराज की रात को सात जिन्नातों की यात्रा में दूसरे जन्नत में ईसा और याह्या से मिले थे।[२] ईसाई परंपरा में याह्या को एक संत माना गया है, बाइबल में कहा गया है की याह्या अपने अनुयायियों को बपतिस्मा दिया करते थे और उन्होंने मसीह के आने की भविष्यवाणी की थी। मसीही सुसमाचार उन्हें यीशु का अग्रदूत माना गया है, क्योंकि उन्होंने ही यीशु के आने की घोषणा की थी और लोगों को यीशु के आगमन के लिए तैयार किया था। नए नियम में यीशु स्वयं याह्या का उल्लेख करते हैं,[३] तथा नए नियम में यह भी कहा गया है की याह्या, यीशु के संबंधी थे।[४][५] हीब्रू इतिहासकार जोसेफ्स ने अपने लेखों में याह्या (जॉन) का उल्लेख करते हुए बताया है की उन्हें एक प्रमुख धार्मिक व्यक्तित्व के रूप में माना जाता था।[६][७]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
साँचा:-
साँचा:कुरान में पैगम्बर
- ↑ "Yahya", Encyclopedia of Islam
- ↑ Ibn Ishaq, Sirat Rasul Allah, Mi'raj
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ साँचा:Cite web
- ↑ Flavius Josephus, Antiquities of the Jews 18.5.2
- ↑ Funk, Robert W. & the Jesus Seminar (1998). The Acts of Jesus: The search for the Authentic Deeds of Jesus. San Francisco: Harper; "John the Baptist" cameo, p. 268