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लघु तरंगरेडियो होतीं हैं 3 MHz (3,000 kHz) एवं 30 MHz (30,000 kHz)[१] की आवृत्तियों के मध्य। इन्हें पूर्व काल में ऐसा कहा जाने लगा, क्योंकि इन आवृत्तियों से जुड़ी तरंग दैर्घ्य, उस समय प्रयोग होने वाली दीर्घ तरंग से छोटी होती थीं। एक वैकल्पिक नाम है उच्चावृत्ति रेडियो। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि, आवृत्ति एवं तरंग दैर्घ्य, विलोम अनुपात में होते हैं।
सन्दर्भ
- ↑ Tomislav Stimac, "Definition of frequency bands (VLF, ELF... etc.) साँचा:Webarchive". IK1QFK Home Page (vlf.it).