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विलोपन सिद्धान्त

भारतपीडिया से

साँचा:आधार बीजगणित तथा बीजीय ज्यामिति में उन कलनविधियों को विलोपन सिद्धान्त (elimination theory) या केवल 'विलोपन' कहते हैं जो अनेकों चरों से युक्त समीकरणों में से एक या अधिक चरों को हटाने (विलुप्त करने) के लिए प्रयुक्त होती हैं।

आजकल रैखिक युगपत समीकरणों से चरों के विलोपन के लिए प्रायः गाउस का विलोपन प्रयुक्त होता है। इसी के उपयोग से इन समीकरणों का हल निकाला जाता है, न कि क्रैमर के नियम द्वारा।

उदाहरण

निम्नलिखित दो समीकरणों

<math>x = t</math>, तथा
<math>y = t^2</math>

में से t का विलोपन करने पर हमें एक समीकरण प्राप्त होता है जो नीचे दिया है-

<math>y=x^2</math>

यह t से रहित एक समीकरण है जो उपरोक्त दोनों समीकरणों को संतुष्ट करता है।

इसी तरह निम्नलिखित दो समीकरणों

<math>x = r \cos(t)</math>, तथा
<math>y = r \sin(t)</math>

से t का विलोपन करने पर

<math>x^2+y^2=r^2</math> प्राप्त होता है।

इन्हें भी देखें