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PTI ने खैबर पख्तूनख्वा के पश्चिमोत्तर भाग में चुनावी जीत प्राप्त की और प्रान्त में सरकार बनायी। जिसे ''' परवेज़ खट्टर प्रशासन ''' के नाम से जाना जाता है और इसी समय पर PTI के नेतृत्ववाली सरकार ने २०१३-२४ में कर-मुक्त बजट प्रस्तुत किया था। खट्टक ने निर्धनों के लिए '''जीवन बीमा स्कीम''', '''सेहत सहूलत कार्यक्रम''' जैसे स्वास्थ्य सुधार किये और '''‘जीवन के लिए इंसुलिन ’''' निधि गठित। खट्टक ने चिकित्सालयों का भी निरीक्षण किया और अभिकथित भ्रष्ट कर्मचारियों और अनुपस्थित कर्मचारियों को प्रायः मौके पर ही निलम्बित कर देते थे। पुलिस में भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान चलाये और जो अधिकारी भ्रष्ट पाया गया, उस पर कार्रवाई हुई।  | PTI ने खैबर पख्तूनख्वा के पश्चिमोत्तर भाग में चुनावी जीत प्राप्त की और प्रान्त में सरकार बनायी। जिसे ''' परवेज़ खट्टर प्रशासन ''' के नाम से जाना जाता है और इसी समय पर PTI के नेतृत्ववाली सरकार ने २०१३-२४ में कर-मुक्त बजट प्रस्तुत किया था। खट्टक ने निर्धनों के लिए '''जीवन बीमा स्कीम''', '''सेहत सहूलत कार्यक्रम''' जैसे स्वास्थ्य सुधार किये और '''‘जीवन के लिए इंसुलिन ’''' निधि गठित। खट्टक ने चिकित्सालयों का भी निरीक्षण किया और अभिकथित भ्रष्ट कर्मचारियों और अनुपस्थित कर्मचारियों को प्रायः मौके पर ही निलम्बित कर देते थे। पुलिस में भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान चलाये और जो अधिकारी भ्रष्ट पाया गया, उस पर कार्रवाई हुई।  | ||
13 नवंबर 2013 को PTI के अध्यक्ष [[इमरान खान]] ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमन्त्री परवेज खटक को आदेश दिया कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर [[कौमी वतन पार्टी]] (क्यूडब्ल्यूपी) के बख्त बैदार और इबरार हुसैन कामोली को हटाया जाये तथा PTI के साथ पार्टी के गठबन्धन को समाप्त किया जाये। इसके पश्चात् जनशक्ति एवं उद्योग मन्त्री बख्त बैदार तथा वन एवं पर्यावरण मन्त्री इबरार हुसैन कामोली को हटा दिया गया।  | |||
२०१३ के महानिर्वाचन के एक वर्ष पश्चात् PTI ने आरोप लगया कि सत्तारूढ दल PML (N) को जिताने के लिए महानिर्वाचनों में धाँधली की गयी थी। १४ अगस्त २०१४ प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ़ का त्यागपत्र एवं निर्वाचन में हुई धोखाधड़ी की जाँच करने की माँग करते हुए इमरान खान के नेतृत्व में PTI समर्थकों ने लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली निकाली। PML (N) के समर्थकों ने गुजराँवाला में PTI की रैली पर पथराव किया, हालाँकि इस पथराव में किसी कोई चोट नहीं लगी। १५ अगस्त २०१४ को PTI समर्थकों ने इस्लामाबाद में प्रवेश किया और उसके कुछ दिन पश्चात् वे इस्लामाबाद के कड़े सुरक्षा वाले ''Red Zone'' में घुस गये। इस्लामवादी समाचार-पत्र अल-जज़ीरा के अनुसार १ सितम्बर २०१४ को प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ़ के आधिकारिक आवास पर घुसने का प्रयत्न किया और परिणामस्वरूप वहाँ पर हिंसा हुई। उसमें तीन लोगों की मौत हुई तथा ११५ पुलिसकर्मी समेत ५९५ से अधिक लोगों को चोटें आयीं।<ref>{{cite web |author=Asad Hashim |title=Anti-PM protesters storm Pakistan broadcaster |url=http://www.aljazeera.com/news/asia/2014/09/pakistan-anti-pm-protesters-storm-state-broad-201491132720191166.html |url-status=live |archive-url=https://web.archive.org/web/20160106095135/http://www.aljazeera.com/news/asia/2014/09/pakistan-anti-pm-protesters-storm-state-broad-201491132720191166.html |archive-date=6 January 2016 |access-date=9 January 2016 |work=aljazeera.com}}</ref> हिंसा से पहले इमरान खान ने अपने समर्थकों से कानून हाथ में लेने को कहा था। थिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि तीन लोगों की मौत हो गयी।<ref>{{cite web |date=17 November 2014  | |||
|title=Azadi March- PTI Leader Imran Khan openly asked workers to attack on the Police in Islamabad – Video Dailymotion  | |||
|url=http://dai.ly/x2aetc1 |url-status=live   | |||
|archive-url=https://web.archive.org/web/20240131014613/https://www.dailymotion.com/video/x2aetc1?retry   | |||
|archive-date=31 January 2024   | |||
|access-date=21 August 2018  | |||
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