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शरीयत

भारतपीडिया से

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शरीयत (अरबी: شريعة‎), जिसे शरीया कानून और इस्लामी कानून भी कहा जाता है।[१] इस कानून की परिभाषा दो स्रोतों से होती है। पहला इस्लाम का पन्थग्रन्थ क़ुरआन है और दूसरा इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद द्वारा दी गई मिसालें हैं (जिन्हें सुन्नाह कहा जाता है)। इस्लामी कानून को बनाने के लिए इन दो स्रोतों को ध्यान से देखकर नियम बनाए जाते हैं। इस कानून बनाने की प्रक्रिया को 'फ़िक़्ह' (साँचा:Nastaliq, fiqh) कहा जाता है।[२] शरीयत में बहुत से विषयों पर मत है, जैसे कि स्वास्थ्य, खानपान, पूजा विधि, व्रत विधि, विवाह, जुर्म, राजनीति, अर्थव्यवस्था इत्यादि।[३]

पारंपरिक "शरिया" प्रथाओं में से कुछ में गम्भीर मानवाधिकार का उल्लंघन है।[४][५]

शरिया को केवल कानून कहना या समझना बहुत बडी अनभिज्ञता है। शरिया में मानव के लगभग सभी कार्यों को स्थान दिया गया है। शरिया में पैगम्बर मुहम्मद की, इस्लाम की, और कुरान की आलोचना को कड़ाई से निषिद्ध किया गया है। इसमें जिहाद के बारे में और जिहाद की परिभाषा दी गयी है। शरिया के अनुसार तब तक जिहाद जारी रखना चाहिए जब तक पूरा विश्व शरिया की शरण में न आ जाए (अर्थात, सभी मनुष्य शरिया के अनुसार जीवन जीना ना शुरू कर दे)। शरिया के अनुसार सभी काफिर और गैर-मुसलमानों को धिम्मी बनाना है। [६]

तालिबान पुलिस ने शरिया के स्थानीय अर्थ का उल्लंघन करने के लिए अपराधी को पीटा (महिला ने अपना चेहरा खोला था और उसे विदेशियों को दिखाया था, यही उसका अपराध था)।[७][८]

मुसलमान यह तो मानते हैं कि शरीयत अल्लाह का कानून है लेकिन उनमें इस बात को लेकर बहुत अन्तर है कि यह कानून कैसे परिभाषित और लागू होना चाहिए। सुन्नी समुदाय में चार भिन्न फ़िक़्ह के नजरिये हैं और शिया समुदाय में दो। अलग देशों, समुदायों और संस्कृतियों में भी शरीयत को अलग-अलग ढँगों से समझा जाता है। शरीयत के अनुसार न्याय करने वाले पारम्परिक न्यायाधीशों को 'काज़ी' कहा जाता है। कुछ स्थानों पर 'इमाम' भी न्यायाधीशों का काम करते हैं लेकिन अन्य जगहों पर उनका काम केवल अध्ययन करना-कराना और पान्थिक नेता होना है।[९] इस्लाम के अनुयायियों के लिए शरीयत इस्लामी समाज में रहने के तौर-तरीकों, नियमों के रूप में कानून की भूमिका निभाता है। पूरा इस्लामी समाज इसी शरीयत कानून या शरीयत कानून के अनुसार से चलता है।

चित्र दीर्घा

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

साँचा:सन्दर्भ< साँचा:इस्लामी विषय

  1. साँचा:Cite web
  2. साँचा:Cite webसाँचा:Dead link
  3. शरीया - द इस्लामिक लॉ। स्टॅण्डके कॉरिना। GRIN Verlag, २००८, ISBN 978-3-640-14967-4
  4. http://www.etc-graz.eu/wp-content/uploads/2020/08/insan_haklar__305_n__305__anlamak_kitap_bask__305_ya_ISBNli_____kapakli.pdf
  5. साँचा:Cite web
  6. साँचा:Cite web
  7. साँचा:Cite web
  8. साँचा:Cite book
  9. द लीगेसी ऑफ़ सोलोमन|Lulu.com| साँचा:अंग्रेज़ी ISBN 978-2-9527158-4-3, ... Our imams are prayer leaders, but if fact any respectable Muslim can lead the prayers. The muftis interpret laws of the Sharia whilst the Qazi or Kadi applies the Sharia ...