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सन्त सिपाही

भारतपीडिया से

सिख दर्शन में सन्त सिपाही उस व्यक्ति के लिये प्रयुक्त होता है जो मूलतः सन्त हो और धर्म एवं न्याय की रक्षा के लिये 'सिपाही' (सैनिक) भी बन जाये। गुरू गोबिन्द सिंह एवं बन्दा सिंह बहादुर को सन्त सिपाही कहा जाता है।

  • सन्त - उस व्यक्ति को कहते हैं जो बुद्धिमान, ज्ञानी एवं धर्म के पथ पर चलने वाला हो.
  • सिपाही - योद्धा या सैनिक को कहते हैं।

इस दर्शन एवं जीवन-पथ की राह सबसे पहले गुरू हरगोबिन्द जी ने दिखायी। बाद में गुरू गोबिन्द सिंह ने तो पूरी तरह इसे अपने जीवन में उतार लिया आगे चलकर बन्दा बैरागी (बन्दा सिंह बहादुर) ने भी इसी राह को अपनाया.

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