सुखदेव प्रसाद बरनवाल

भारतपीडिया से

साँचा:ज्ञानसन्दूक | label1 = पटना, बिहार | data1 = साँचा:Birth year
पटना, बिहार | label2 = मौत | data2 = 1990
| label3 = मौत की वजह | data3 = | data4 = | label4 = शरीर मिला | label5 = समाधि | class5 = label | data5 = {{{resting_place}}} | label6 = आवास | class6 = label | data6 = | label7 = राष्ट्रीयता | data7 = भारतीय | label8 = उपनाम | class8 = उपनाम | data8 = | label9 = जाति | data9 = | label10 = नागरिकता | data10 = | label11 = शिक्षा | data11 = {{{शिक्षा}}} | label12 = शिक्षा की जगह | data12 = पटना विश्वविद्यालय | label13 = पेशा | class13 = भूमिका | data13 = | label14 = कार्यकाल | data14 = | label15 = संगठन | data15 = | label16 = गृह-नगर | data16 = | label17 = पदवी | data17 = | label18 = वेतन | data18 = | label19 = कुल दौलत | data19 = | label20 = ऊंचाई | data20 = | label21 = भार | data21 = {{{भार}}} | label22 = प्रसिद्धि का कारण | data22 = पत्रकार और एस.पी. गाइड प्रकाशन के संस्थापक | label23 = अवधि | data23 = | label24 = पूर्वाधिकारी | data24 = | label25 = उत्तराधिकारी | data25 = | label26 = राजनैतिक पार्टी | data26 = | label27 = बोर्ड सदस्यता | data27 = | label28 = धर्म | data28 = | label29 = जीवनसाथी | data29 = | label30 = साथी | data30 = | label31 = बच्चे | data31 = | label32 = माता-पिता | data32 = | label33 = संबंधी | data33 = | label35 = कॉल-दस्तखत | data35 = | label36 = आपराधिक मुकदमें | data36 = | label37 = | data37 = साँचा:Br separated entries | class38 = label | label39 = पुरस्कार | data39 = | data40 = | data41 = | data42 = }}


सुखदेव प्रसाद बरनवाल एक पत्रकार और एस.पी. गाइड प्रकाशनों के संस्थापक थे।

प्रारंभिक जीवन

बरनवाल जी का जन्म 1930 में बिहार राज्य के पटना शहर में हुआ था। इनकी शिक्षा पटना के पटना विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने 12 वर्ष की आयु में ही भारत छोड़ो आंदोलन में अपना योगदान दिया था। इन्होने 1948 में आर.एस.एस. सत्याग्रह आंदोलन में अपना योगदान दिया था।

व्यवसाय

बरनवाल जी पत्रकार और लेखक दोनों थे इन्होने अनेक लेख अंग्रेजी और हिंदी में लिखे है। इन्होने अपनी अधिकता रचनाएँ राजनीतिक, अर्थव्यवस्था तथा सेना पर लिखी है। जब इन्होने अपनी पहली सैन्य रचना 1965 में प्रकाशित की तो इनके मन में इसे जन-जन पहुंचना चाहा, इसलिए इन्होने एस.पी. गाइड प्रकाशन की संस्थापना किया। कुछ समय बाद श्री जयंत बरनवाल द्वारा उस पत्रिका का नाम बदल कर एस.पी. मिलट्री एअरबुक कर दिया गया, जो एशिया और अफ्रीका के 40 विभिन्न देशों में पहुंच गया।[१][२]

प्रमुख पत्रिकाएँ

बरनवाल जी की प्रथम पत्रिका 1965 में 'मिलिट्री ईयरबुक' के नाम से प्रकाशित हुआ।[३]

  • मिलिट्री ईयरबुक
  • इंडिया फेसेस वॉर
  • हीरोइक डीड्स इन फ्री इंडिया
  • गाइड ऑल्मनॅक एन्ड एअरबुक
  • गाइड तो इंडियन बैंकिंग
  • विश्व ज्ञान सागर
  • स्वतंत्र भारत की वीरगाथा
  • प्रसिद्द अविष्कारों की कहानी
  • ईंट का जवाब

सन्दर्भ

साँचा:टिप्पणीसूची