"हिन्दू वर्ण व्यवस्था" का अवतरण इतिहास

नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

अन्तर चयन: अन्तर देखने के लिए पुराने अवतरणों के आगे दिए गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें तथा एण्टर करें अथवा नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करें
लिजण्ड: (चालू) = सद्य अवतरण के बीच में अन्तर, (आखिरी) = पिछले अवतरण के बीच में अन्तर, छो = छोटा बदलाव।

  • सद्यपिछला ११:४०, ११ अगस्त २०२१2401:4900:4043:70c0:ac21:6df1:910c:c709 चर्चा ५,९१९ बाइट +५,९१९ जब ब्रह्मा जी चारों वर्णों का विभाजन कर चुके थे उसके पश्चात यमराज जी ने ब्रह्मा जी से कहा कि हमें पाप पुण्य जीवन मरण के लिए कौन बताएगा किसके प्राण हरण करना है किस को स्वर्ग में भेजना है किसको नर्क में भेजना है उसके लिए ब्रह्मा जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने पांचवा वह अपनी काया से शायद बनाया जिससे भगवान चित्रगुप्त उत्पन्न हुए