इस्तोर-ओ-नल

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साँचा:ज्ञानसन्दूक पर्वत इस्तोर-ओ-नल या इस्तोरो नल (साँचा:Nastaliq, Istor-o-Nal) हिन्दु कुश पर्वत शृंखला का तीसरा सबसे ऊँचा पहाड़ है और दुनिया का ६८वाँ सबसे ऊंचा पहाड़ है। ७,४०३ मीटर (२४,२८८ फ़ुट) ऊँचा यह पर्वत प्रशासनिक रूप से पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले में पड़ता है। यह हिन्दु कुश के सबसे ऊंचे पहाड़ तिरिच मीर से कुछ की किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है और इन दोनों पहाड़ों के बीच में तिरिच हिमानी (ग्लेशियर) चलता है। बहुत से स्थानों से इस्तोर-ओ-नल तिरिच मीर की ज़्यादा ऊंची चोटी के पीछे छिपा होता है इसलिए कम विख्यात है।

नाम

स्थानीय खोवार भाषा में 'घोड़े' को 'इस्तोर' कहते हैं। 'इस्तोरो-नल' का मतलब 'घोड़े का जूता' है। एक स्रोत के अनुसार यह नाम ब्रिटिश राज के दिनों में एक लेफ़्टेनन्ट बर्न नामक अफ़सर ने रखा था और यह इस पहाड़ के अकार की तरफ़ संकेत करता है।[१]

पहली चढ़ाई

इस्तोरो-नल की चोटी पर सबसे पहले ८ जून १९५५ को एक अमेरिकी पर्वतारोही दस्ता पहुँचा था, जिसमें कॅन बैंकवाला (Ken Bankwala), जोज़फ़ मर्फ़ी (Joseph Murphy) और टॉमस मच (Thomas Mutch) शामिल थे।[२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Unknown Karakoram, Reginald Charles Francis Schomberg, M. Hopkinson, Ltd., 1936, ... The late Lieutenant Burn, of the Survey of India, called one of the peaks near Tirich Mir by the name of Istoro Nal, or Horse Shoe. These two Chitrali words can be understood by the people, and also indicate the shape of the mountain ...
  2. Joseph E. Murphy, Jr., 'The Ascent of Istor-o-Nal', American Alpine Journal, 1956, pp. 66-74.