ऋषिकेश मुखर्जी
साँचा:विकिफ़ाइ साँचा:ज्ञानसन्दूक व्यक्ति ऋषिकेश/हृषिकेश मुखर्जी एक भारतीय फिल्मकार थे। हृषिकेश दा का भारतीय सिनेमा जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिए जाने जाते हैं।
जीवन
ऋषिकेश मुखर्जी का जन्म ३० सितम्बर १९२२ को कोलकाता मेंं हुआ था और उनकी मृत्यु २७ अगस्त सन २००६ को मुम्बई में हुई थी। उन्होंंने विज्ञान विषय से पढ़ाई की थी और कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंंने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई रसायन शास्त्र मेंं पूरी की थी और कुछ समय तक अध्यापक के रूप मे भी काम किया था।
आरंभ
'आनंद' और 'मिली' जैसी फ़िल्मों से भारतीय सिनेमा जगत को एक नया मुकाम देने वाले हृषिकेश मुखर्जी ने फ़िल्म 'दो बीघा ज़मीन' में बतौर सहायक निर्देशक के रूप में १९५३ में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। हृषिकेश मुखर्जी की सबसे बाद में बनी फ़िल्म थी, 'झूठ बोले कौवा काटे' जो १९९८ में रिलीज़ हुई थी।
व्यक्तिगत जीवन
ऋषिकेश मुखर्जी विवाहित थे और उनकी ३ पुत्रियाँ और २ पुत्र हैंं। उनकी पत्नी की मृत्यु ३० साल पहले ही हो चुकी थी। वह पशु प्रेमी थे और उनके बान्द्रा स्थित घर मेंं बहुत सारे कुत्ते और एक बिल्ली थी।
एक भारतीय छाप
खासियत
मुखर्जी की फ़िल्मों की सबसे बड़ी ख़ासियत है उनका सामाजिक संदर्भ.
हृषिकेश मुखर्जी को याद करते हुए जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर कहती हैं, "मैं उन्हें एक निर्देशक और अपने बड़े भाई के रूप में याद करती हूँ. उनसे मेरे काफ़ी अच्छे संबंध थे। उनकी पहली फ़िल्म से मैंने उनके साथ काम किया था।"
लता मानती हैं - "गुरुदत्त, शांताराम और बिमल दा के बाद हृषिकेश दा ही थे जिनकी फ़िल्मों में हिंदुस्तान नज़र आता था। उनकी फ़िल्मों में गाँवों और शहरों में रहने वाला असली हिंदुस्तान नज़र आता था"
हृषिकेश दा के साथ बीते वक्त को याद करते हुए लता मंगेशकर बताती हैं, "कई राज्यों में सफ़ेद साड़ी किसी के गुज़र जाने पर पहली जाती है। मैं हमेशा से सफ़ेद साड़ी पसंद करती रही हूँ. मुझे याद है कि मुझे इसके लिए हमेशा टोकते थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरे पास किनारेदार साड़ी पहनकर ही आना और इसलिए मैं उनके पास वैसी ही साड़ी पहनकर जाती थी।"
गीतकार जावेद अख़्तर बताते हैं, "वो एक फ़िल्मकार के अलावा एक शिक्षक भी थे। फ़िल्मों को एडिट करते वक्त उन्होंने कई बातें हम लोगों को बताई जो मैंने हमेशा ध्यान रखी और वो बातें हमारे बहुत काम आई
प्रमुख फिल्में
बतौर निर्देशक
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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1983 | रंग बिरंगी | |
1979 | गोल माल | |
1978 | नौकरी | |
1977 | आलाप | |
1971 | बुड्ढा मिल गया | |
1970 | आनन्द | |
1968 | आशीर्वाद |
अन्य निर्माण भूमिका
वर्ष | फिल्म | निर्माण भूमिका | टिप्पणी |
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1947 | तथापि | ||
1950 | माँ | ||
1951 | दो बीघा ज़मीन | परिदृश्य, संपादक, सहायक निर्देशक | |
1953 | परिणीता | संपादक | |
1954 | बिराज बहू | संपादक | |
1955 | देवदास | ||
1958 | मधुमती | संपादक | |
1959 | हीरा मोती | ||
1961 | चार दीवारी | संपादक | |
1970 | दस्तक | संपादक | |
1977 | आलाप | कथा, निर्माता | |
1983 | कुली | संपादक |
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