एम॰ जी॰ श्रीकुमार

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साँचा:Infobox musical artist ऍम जी श्रीकुमार एक मलयाली पार्श्वगायक, गीतकार और संगीतकार हैं। वे मलयाली सिनेमा के प्रसिद्धतम संगीत निर्देशकों में से एक हैं। मलयाली गानों के अलावा, उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड और हिन्दी भाषाओं में भी गाने गाए हैं। ३० वर्ष से भी अधिक के अपने व्यावसायिक जीवन मे उन्होंने इन विभिन्न भारतीय भाषाओं में ३००० से अधिक गानों में काम किया है। श्रीकुमार को अपने गानों के लिए दो बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक की श्रेणी में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्रीकुमार, संगीत-निर्देशक एम जी राधाकृष्णन और के ओमानकुट्टी के सबसे छोटे भाई हैं। वे केरल में केएमजी म्यूज़िक्स के नाम से एक संगीत कम्पनी के मालिक भी हैं, तथा तिरुवनंतपुरम के सारेगामा संगीतशाला के भी मालिक हैं।

जीवनी

प्राथमिक जीवन

श्रीकुमार का जन्म हरिपद, अलप्पुऴा ज़िला, केरल में हुआ था। उनका जन्म २५ मई १९५७ में हुआ था। उनके पिता, मालाबार गोपालन नायर एक गायक थे। उनके बड़े भाई, एम जी राधाकृष्णन भी एक पुरस्कृत संगीतकार थे, तथा उनकी बड़ी बहन के ओमानकुट्टी भी एक प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका थी। संगीत की दुनिया में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने, बैंक में काम करने से शुरुआत की थी। बाद में, अपने बड़े भाई के साथ, उनके कॉन्सर्ट में उनका साथ देने से ही उन्होंने संगीत की दुनिया में प्रवेश किया।

व्यावसायिक जीवन

श्रीकुमार ने अपने व्याकसायिक जीवन का आरम्भ, मलयाली फ़िल्म, कुली(१९८३) से की थी, जिसका निर्देशन अशोक कुमार ने किया था। प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित फिल्म, चित्रम(१९८८) पहली फ़िल्म थी, जिसमें उन्होंने सारे गाने गाए थे। उन्होंने अपने व्यावसायिक जीवन में, मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड और हिन्दी भाषाओं में कुल ३००० से अधिक गानों में काम किया है।[१]

उन्होंने चतुरंगम (२००२), ताण्डवम् (२००२), काञ्चीवरम्(२००८), ऍलेग्ज़ैण्डर द ग्रेट और ओरु नाळ वारुम्जैसी फिल्मों में बतौर संगीत निर्देशक, काम किया है। उन्होंने रागसरंगम के नाम से एक अर्धशास्त्रीय स्वरूप में, एक वीडियो एल्बम भी रिलीस की थी। उसके अलावा उन्होंने मलयाली भाषा मे भगवान अय्यप्पा को समर्पित भी कुछ भक्ति गीत गा चुके हैं।

निजी जीवन और परिवार

चौदह साल तक साथ रहने के बाद, श्रीकुमार ने १४ जनवरी सन २००० को, कोल्लूर, कर्नाटक के मूम्बिका मन्दिर में लेखा से शादी की। उनकी कोई सन्तान नहीं है।[२] श्रीकुमार तिरुवनंतपुरम के जागती इलाके में रहते हैं।

पुरस्कार

उन्हें अपने गानों के लिए दो बार, १९९९ और १९९० में सर्वश्रेष्ठ पर्श्वगायिकी के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया है। आरके अलावा उन्होंने तीन बार, १९९१, ९२ और ९८ में केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार जीता है। २०१६ में, मलयाली फ़िल्म ओप्पम के गाने, चिन्नम्मा के लिए उन्हें दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा उन्होंने चार बार एशियानेट फ़िल्म पुरस्कार और तीन बार सूर्या टीवी अवार्ड जीत है।

सन्दर्भ

  1. www.mgsreekumar.com साँचा:Webarchive
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2018.

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Commons category

साँचा:राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक