कमल कपूर

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साँचा:ज्ञानसन्दूक अभिनेता

कमल कपूर (पंजाबी: ਕਮਲ ਕਪੂਰ) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता थे जिन्होंने लगभग 600 हिन्दी, पंजाबी और गुजराती फ़िल्मों मे काम किया था।[१]

प्रारंभिक जीवन

उनका जन्म 1920 में लाहौर, पंजाब में हुआ। उन्होंने लाहौर के ही डीएवी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। वे पृथ्वीराज कपूर के चचेरे भाई और गोल्डी बहल के नाना थे।

फ़िल्मी सफ़र

उन्होने अपने सफर की शुरुआत 1940-50 के दौर में नायक के रूप में की थी। उनकी पहली फ़िल्म "दूर चलें" थी जो 1946 मे प्रदर्शित हुई। साठ के दशक से उन्होने खलनायक की भूमिका करनी आरंभ की, इनमें से कुछ लोकप्रिय किरदार पाक़ीज़ा (1972) में नवाब जफर अली खान, डॉन (1978) में नारंग और मर्द (1985) में जनरल डायर रहें।

प्रमुख फ़िल्में

वर्ष फ़िल्म भूमिका
1947 डाक बंग्ला
हातिमताई
1948 आग वकील खन्ना
1961 रेशमी रूमाल दीपक
1962 एक मुसाफ़िर एक हसीना रंजीत
1965 जब जब फूल खिले राय बहादुर चुन्नीलाल खन्ना
शहीद सरकारी वकील
1967 तकदीर विजय
राज़ सुनील का मित्र
1968 राजा और रंक सेनापति विक्रम
1970 सच्चा झूठा पुलिस कमीश्नर
1972 पाक़ीज़ा नवाब जफर अली खान
सीता और गीता रवि के पिता
गोरा और काला दिलावर सिंह
1973 बलैक मेल डॉ० जे० के० शेट्टी
हँसते ज़ख़्म दौलत सिंह
1978 डॉन नारंग
1985 मर्द जनरल डायर
1989 तूफान एसीपी शर्मा

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ