कानूनी लिखत

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कानूनी लिखत (लीगल डॉक्युमेन्ट) का प्रचलित तात्पर्य है, कानूनी दस्तावेज जो किसी अधिकार को प्रदान करता है या उसकी पुष्टि करता है या सच्चाई का लेखा-जोखा रखता है। यह किसी भी तरह का व्यावहारिक लेख होता है जैसे कि : कोई करारनामे का दस्तावेज या लेखा-जोखा जो कि तकनीकी रूप से तैयार व प्रस्तुत किया गया हो।

भारतीय मुद्रांक अधिनियम, 1899 के खंड 2 (14) के अनुसार लिखत के अन्तर्गत हर प्रकार के दस्तावेज जिनके द्वारा किसी प्रकार का अधिकार या जिम्मेदारी प्रदान की जाती है, या हस्तान्तरित की जाती है या बढ़ाई जाती है और लिखित किया जाता है। लिखत का निर्वचन पक्षकारों के इरादे के सन्दर्भ में किया जाना चाहिए। इरादे का पता पक्षों द्वारा प्रयुक्त शब्दों द्वारा साधारण और प्राकृतिक अर्थों में लिया जाना चाहिए, क्योंकि शब्द इरादे के अकेले मार्गदर्शक होते हैं। उदाहरण के लिए, सम्पत्ति हस्तान्तरण का लिखत, स्टॉक प्रमाण-पत्र, बॉण्ड, कूपन, नोट, चेक, विलेख (डीड) आदि।