तार्किक वस्तुनिष्ठावाद

भारतपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

तार्किक प्रत्यक्षवाद (या तार्किक वस्तुनिष्ठावाद या तार्किक भाववाद / logical positivism) ह्यूम के अनुभववाद, कॉन्त के वस्तुनिष्ठावाद तथा ह्वाइटहेड रसेल के तार्किक विश्लेषण का विचित्र सम्मिश्रण है। विज्ञानों को निरापद आधारप्रदान तथा अतींद्रिय तत्वविज्ञान की निरर्थकता के युगल उद्देश्यों की पूर्ति के हेतु वह भाषा के तार्किक विश्लेषण की विधि अपनाता है। सत्यापन की प्रक्रिया को ही किसी प्रस्तावना का अर्थ मानकर तार्किक वस्तुनिष्ठावादी परंपरागत दार्शनिक प्रश्नों को निरर्थक मानते हैं क्योंकि इस नवीन व्याख्या के अनुसार इंद्रियातीत विषयों से संबंधित होने के कारण वे कोई अर्थ नहीं रखते। उद्गमन को "कार्य करने का नियम" तथा वैज्ञानिक नियमों को "एकवचनीय प्रस्तावनाओं की योजनाएँ" मानकर तार्किक अनुभववादी विज्ञान का वह संगत चित्र प्रस्तुत करता है जिसके अनुसार तत्ववैज्ञानिक परिकल्पनाएँ पूर्णतया बहिष्कृत हैं।

बाहरी कड़ियाँ

तार्किक वस्तुनिष्ठावादियों के लेख

तार्किक वस्तुनिष्ठावाद पर लेख

सम्बन्धित विषयों पर लेख