देवहूति

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देवहूति स्वयंभुव मनु की कन्या और प्रजकी पत्नी एवं भगवान कपिल की माता थी। देवहूति की माता का नाम शतरूपा था। स्वयंभुव मनु एवं शतरूपा के कुल पाँच सन्तानें थीं जिनमें से दो पुत्र प्रियव्रत एवं उत्तानपाद तथा तीन कन्यायें आकूति, देवहूति और प्रसूति थे। आकूति का विवाह रुचि प्रजापति के साथ और प्रसूति का विवाह दक्ष प्रजापति के साथ हुआ। हिंदू मान्यता के अनुसार इन्हीं तीन कन्याओं से संसार के मानवों में वृद्धि हुई। संसार समस्त जन की उत्पत्ति मनु की कन्याओं से होने के कारण वे मानव कहलाये।

कर्दम ऋषि से विवाह के पश्चात देवहूति की नौ कन्यायें तथा एक पुत्र उत्पन्न हुये। कन्याओं के नाम कला, अनुसुइया, श्रद्धा, हविर्भू, गति, क्रिया, ख्याति, अरुन्धती और शान्ति थे तथा पुत्र का नाम कपिल था। कपिल के रूप में देवहूति के गर्भ से स्वयं भगवान विष्णु अवतरित हुये थे।

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