नारायण दामोदर सावरकर

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नारायण दामोदर सावरकर (२५ मई, १८८८- १९ अक्टूबर, १९४९) प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के छोटे भाई थे। इनका जन्म २५ मई, १८८८ को हुआ था। ये व्यवसाय से दन्त-चिकित्सक थे। इन्होंने अपने दोनों बड़े भ्राताओं को जेल से छुड़ाने के लिए अथक प्रयास किए। ये नासिक में क्रांतिकारी गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। इन्होंने स्वामी श्रद्धानंद की स्मृति में श्रद्धानन्द साप्ताहिक का तीन वर्षों तक प्रकाशन किया।

ये मुम्बई की हिन्दू महासभा के सक्रिय व वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे, तथा बाद में कुछ वर्षों के लिए अध्यक्ष भी रहे। मुंबई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रथम शाखा इन्हीं के दवाखाने में आरम्भ हुई थी। गांधी हत्याकाण्ड से इन्हें गहरा मानसिक व शारिरिक आघात पहुँचा। इससे ये उबर नहीं पाए और अन्ततः १९ अक्टूबर, १९४९ को इन्होंने पार्थिव शरीर छोड़ दिया।

लेखन

  • जाईचा मंडप खंड १ (सन १९१३)
  • जाईचा मंडप खंड २ (सन १९१४)
  • मरण की लग्न (सन् १९३३)
  • सेनापती तात्या टोपे (सन् १९४०)
  • हिंदूंचा विश्वविजयी इतिहास (सन् १९४४)

बाहरी कड़ियाँ

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