मुबारक बेगम

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साँचा:Infobox musical artist मुबारक़ बेग़म भारत की हिन्दी फ़िल्मों में पार्श्व गायिका रही हैं। फ़िल्मों में आने से पहले इनहोंने आकाशवाणी में भी काम किया। इनका जन्म राजस्थान के चूरू ज़िले के सुजानगढ़ कस्बे में हुआ था। उन्होने मुख्य तौर पर वर्ष 1950 से 1970 के दशक के बीच बॉलीवुड के लिए सैकड़ों गीतों और गजलों को आवाज दी थी। उन्होंने वर्ष 1961 में आई फिल्म हमारी याद आएगी का सदाबहार गाना ‘कभी तन्हाइयों में यूं, हमारी याद आएगी’ को अपनी आवाज दी थी। वर्ष 1950 और 1960 के दशक के दौरान उन्होंने एस.डी. वर्मन, शंकर जयकिशन और खय्याम जैसे सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों के साथ काम किया। उनके अन्य प्रसिद्ध गाने ‘मुझको अपने गले लगा लो ओ मेरे हमराही’ और ‘हम हाल-ए-दिल सुनाएंगे’ हैं। निधन के पूर्व वे ग़रीबी की हालत में मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में अपनी बीमार बेटी और टैक्सी चालक बेटे के साथ रहती थी और पुराने दिनों को याद करती थी।[१][२][३][४]

सन्दर्भ

  1. "Spectrum". मूल से 27 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2013.
  2. "Notes from the past" [अतीत से नोट्स]. चंडीगढ़ ट्रिब्यून (English में). 12 अक्तूबर 2008. मूल से 4 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जुलाई 2010.
  3. NDTV, Mubarak Begum once a famous singer needs help साँचा:Webarchive (अँग्रेजी)
  4. DNA, Bollywood takes Mubarak Begum to heart साँचा:Webarchive(अँग्रेजी)

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:जीवनचरित-आधार