मेडागास्कर

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साँचा:ज्ञानसन्दूक देश मेडागास्कर, या 'मेडागास्कर गणराज्य' (पुराना नाम : मालागासी गणराज्य, फ्रांसीसी: République malgache) हिन्द महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक द्वीपीय देश है। मुख्य द्वीप, जिसे मेडागास्कर कहा जाता है विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ विश्व की पाँच प्रतिशत पादप और जीव प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें से ८० प्रतिशत केवल मेडागास्कर में ही पाई जाती हैं। इस देश की दो तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (१.२५ अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन) से नीचे निवास करती है। मैडागास्कर 150 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व से अफ्रीका से अलग हो चुका है। इसी कारण से, इस द्वीप पर पाए जाने वाले अधिकांश पौधे और जंतु, पृथ्वी पर और कहीं नहीं पाए जाते हैं। इसकी सुदूरता के कारण, लगभग 2,000 वर्ष पहले तक भी मैडागास्कर में मनुष्यों का आवास नहीं देखा जा सकता था। मालागासी- यह इस द्वीप पर रहने वाले लोगों के लिए एक नाम है- इन लोगों का विकास इण्डोनेशियाई लोगों से हुआ, जिन्होंने हिंद महासागर में से होकर रास्ता बनाया। बाद में अरबी और अफ़्रीकी लोग भी यहां पहुँच गए और उन्होंने इस द्वीप पर पायी जाने वाली अद्वितीय सांस्कृतिक प्रथाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पूर्वी तट पर, एक अवधि तक डाकुओं की उपस्थिति के बाद, 19 वीं शताब्दी के अंत में मैडागास्कर को फ्रांस के द्वारा उपनिवेश बना लिया गया। मैडागास्कर ने 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त कर ली और आजा यह एक लोकतान्त्रिक राज्य है।

मैडागास्कर की लगभग 75% जातियां स्थानिक (एंडेमिक) हैं अर्थात वे दुनिया में कहीं और नहीं पायी जाती हैं। इस द्वीप पर अजीब जंतु पाए जाते हैं, जिनमें लीमर (प्राइमेट्स का एक समूह), टेनरेक्स (कांटेदार हेजहोग (कांटो वाला चूहा) के समान), चमकीले रंगों वाले गिरगिट, पुमा की तरह के फोस्सा, और प्राणियों की कई अन्य किस्में शामिल हैं। यह बड़े ही अफ़सोस की बात है कि शिकार और प्राकृतिक आवास को नष्ट किये जाने के कारण, मैडागास्कर के कई अद्वितीय जंतु आज विलुप्त होने की कगार पर हैं।

भूगोल

[[चित्|अंगूठाकार|मैडागास्कर की नासा उपग्रह तस्वीर ]] मैडागास्कर को पांच भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है: पूर्वी तट, उत्तर में सारातानाना मासिफ (Tsaratanana Massif), केन्द्रीय उच्च भूमि, पश्चिमी तट, और दक्षिणपश्चिम। केन्द्रीय उच्चभूमि द्वीप की लम्बाई में है, और इसकी उंचाई 2,600 से 5,800 फीट (800 से 1,800 मीटर) तक है। द्वीप के उत्तरी छोर पर सारातानाना क्षेत्र में द्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है।

मैडागास्कर को अक्सर "ग्रेट रेड द्वीप" कहा जाता है, क्योंकि इसकी मिट्टी लाल है, यह आमतौर पर कृषि के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

मैडागास्कर के पश्चिम और उत्तर में कुछ दिलचस्प लाइमस्टोन (चूना पत्थर) का निर्माण भी होता है। इसे सिंगी (tsingy) के नाम से जाना जाता है, ये निर्माण कई वर्षों की वर्षा के परिणाम हैं, जिसके कारण लाइमस्टोन (चूना पत्थर) के आधार का अपरदन या क्षरण होता है।

मैडागास्कर का जलवायु

इसके भूगोल के कारण, मैडागास्कर का जलवायु बहुत अधिक परिवर्तनशील है। आमतौर पर, मैडागास्कर में दो सीज़न होते हैं: एक गर्म, वर्षा का सीज़न जो नवम्बर से अप्रैल तक होता है, और एक ठंडा, शुष्क सीज़न जो मई से अक्टूबर तक चलता है।

पूर्वी तट देश का सबसे नम हिस्सा है और इस प्रकार से यही द्वीप का वर्षावन है। इस क्षेत्र को समय समय पर विनाशकारी उष्णकटिबंधीय तूफान और चक्रवातों का सामना करना पड़ता है।

केन्द्रीय उच्चभूमि काफी ठंडी और शुष्क है, और यहाँ पर मैडागास्कर की अधिकांश कृषि होती है, विशेष रूप से चावल की कृषि।

पश्चिमी तट में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं। पर्णपाती वृक्ष 6 से 8 माह के शुष्क मौसम के दौरान अपनी सभी पत्तियां खो देते हैं।

जब फिर से वर्षा होती है, इन जंगलों में हरी पत्तियों का समुद्र सा उमड़ आता है। मैडागास्कर के दक्षिण पश्चिमी हिस्से का जलवायु पूरे द्वीप का सबसे शुष्क जलवायु है। इस क्षेत्र के कुछ हिस्से में बहुत ही कम वर्षा होती है, इसलिए इसे रेगिस्तान कहा जा सकता है।

मैडागास्कर के लोग

इस बात पर विवाद है कि मैडागास्कर में सबसे पहले कौन बसा। कुछ मानव-उत्पत्ति विज्ञानियों का मानना है कि सबसे पहले यहाँ पर 2,000 वर्ष पूर्व इण्डोनेशियाई लोग बसे, यहाँ सबसे पहले बसने वाले लोगों में काले अफ्रीकन नहीं थे, और मुख्य भूमि अफ़्रीकी लोग काफी बाद तक यहाँ नहीं पहुंचे थे।

अन्य लोगों का सुझाव है कि मैडागास्कर के लोग इण्डोनेशियाई और अफ़्रीकी लोगों से उत्पन्न हुए, जो इस अलग द्वीप पर उनके आगमन से पहले ही मिश्रित हो चुके थे। इसके बावजूद, अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि मैडागास्कर के निवासी अपेक्षाकृत हाल ही में यहाँ पहुंचे हैं (मैडागास्कर में पाषाण युग का कोई प्रमाण नहीं मिलता है) और इस प्रकार से इस के बाद प्रवास के द्वारा अन्य समूह (जैसे अरबी और भारतीय लोग) आ कर यहाँ पर मिल गए।

मालागासी (मैडागास्कर के लोगों के लिए एक नाम) की मिश्रित उत्पत्ति ने संस्कृतियों के एक रुचिकर समुदाय का निर्माण किया है जो दक्षिणपूर्वी एशिया, भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व से उत्पन्न हुई है। मालागासी संस्कृति के इण्डोनेशियाई घटक का प्रमाण भाषा में बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई देता है-जो इंडोनेशिया के एक द्वीप, बोर्नियो की एक बोली से बहुत अधिक मिलती जुलती है-साथ ही ये प्रमाण इनकी मान्यताओं की प्रणाली और चावल आधारित आहार में भी दिखाई देते हैं। चावल मैडागास्कर का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है और कई मालागासी अपने हर भोजन में चावल खाते हैं। मांस भी एक लोकप्रिय भोजन है, हालांकि यह महंगा है। मैडागास्कर में ज़ेबू पशु की उत्पत्ति मूल रूप से भारत से हुई है, लेकिन मैडागास्कर के लोगों पर अफ़्रीकी संस्कृति का प्रभाव प्रतिबिंबित होता है।

देश के भीतर लोगों का भौतिक स्वरुप, धार्मिक प्रथाएं, और परम्पराएं बहुत अधिक क्षेत्रीय हैं-मालागासी लोगों के बीच एक बात जो उन्हें एक करती है, वह यह है कि वे एक ही भाषा बोलते हैं। वर्तमान में मैडागास्कर में 20 से अधिक जातीय समूह हैं, ये इण्डोनेशियाई लोगों की तरह दिखने वाले उच्च भूमि के मरीना लोग हैं, पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में अफ़्रीकी लोगों की तरह देखने वाले साकालावा हैं, और पूर्वी तट पर अरबी एंटाईमोरो हैं।

मैडागास्कर एक ऐसी भूमि है जिसकी संस्कृति असाधारण रूप से समृद्ध है। यह एक ऐसी जगह है जहां पूर्वजों का वर्तमान में भी उतना ही महत्त्व है जितना कि अतीत में; जहां कई क्षेत्रों में निषेध और परम्परा को कानून से ऊपर रखा जाता है; और पश्चिमी शैली का धर्म स्वतंत्र रूप से जादू-टोने जैसे विश्वासों और अंतिम संस्कार की परम्पराओं में मिश्रित हो गया है।

वर्तमान में मैडागास्कर में लगभग 18 मिलियन लोग रह रहे हैं।

मैडागास्कर का इतिहास

मैडागास्कर में पहली बार लोग 2000 वर्ष पूर्व बसे। मैडागास्कर के लोग या तो इण्डोनेशियाई थे या मिश्रित इण्डोनेशियाई/अफ़्रीकी मूल के लोग थे। अरब के व्यापारी 800-900 ई. के आसपास यहाँ पहुंचे। जब व्यापारियों ने उत्तरी तट के साथ व्यापार करना शुरू किया।

पहला ज्ञात यूरोपीय जिसने मैडागास्कर को देखा, वह एक पुर्तगाली समुद्री कप्तान, डिओगो डिआस था, वह 10 अगस्त, 1500 में इस द्वीप पर पहुंचा, जब वह भारत के रास्ते से भटक गया था। उसने इस द्वीप को सेंट लॉरेंस नाम दिया। बाद में 1500 के दशक में, पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों, डच, और अंग्रेज़ लोगों ने मैडागास्कर में व्यापार शुरू करने के प्रयास किये। विपरीत परिस्थितियों और स्थानीय मालागासी लोगों के बीच भयंकर युद्ध के कारण, इन सब के प्रयास विफल रहे।

सबसे पहले मैडागास्कर में यूरोपीय लोग 1600 के दशक के अंत में जम गए, जब डाकुओं ने द्वीप के पूर्वी तट पर अधिकार कर लिया। ये डाकू मैडागास्कर का उपयोग एक आधार के रूप में करते थे, जहाँ भारत से यूरोप को माल लाने वाले जहाज़ों पर हमला किया जाता था। 1700 के दशक में, फ्रांसीसी लोगों ने पूर्वी तट पर सैन्य ठिकाने स्थापित करने की कोशिश की लेकिन फिर से असफल रहे। 19 वीं सदी के प्रारंभ में, एक ही स्थान था जिस पर फ्रांस दावा कर सकता था, वह था सेंटे मारिए (Sainte Marie) का द्वीप।

रानी रानावालोना I

इसी बीच, 1700 के दशक के दौरान, पश्चिमी तट के साकालावा ने मैडागास्कर के पहले साम्राज्य की स्थापना की। 1810 में, उनके प्रतिद्वंद्वी, मरीना ने, शेष द्वीप के अधिकांश भाग में एक साम्राज्य की स्थापना की। उनके राजा, रदामा I ने ब्रिटिश के साथ एक सम्बन्ध स्थापित किया और देश में अंग्रेजी मिशनरियों के लिए रास्ता खोल दिया, जिन्होंने पूरे द्वीप में ईसाई धर्म का प्रसार किया, और मालागासी का एक लिखित भाषा में अनुलेखन किया। रदामा के शासन काल में, एक लघू औद्योगिक क्रांति से द्वीप पर उद्योगों की शुरुआत हुई। रदामा की मृत्यु के बाद, उनकी विधवा पत्नी, रानावालोना I ने शासन किया, जिसने देश में 33 साल के लिए आतंक फैला दिया, उसने ईसाईयों को सताया, विदेशियों को निकाल दिया, राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को मार डाला, और अशुभ दिन पैदा होने वाले बच्चों को मार डालने जैसी प्रथाओं को फिर से शुरू कर दिया। उसकी मृत्यु के बाद यूरोप के साथ सम्बन्ध फिर से स्थापित हो पाए।

1883 में, फ्रांस ने मैडागास्कर पर आक्रमण किया और 1896 तक द्वीप पर अपना शासन स्थापित कर लिया, अब यह एक फ्रांसीसी उपनिवेश बन गया। फ्रांस ने मैडागास्कर का उपयोग लकड़ी, और विदेशी मसाले जैसे वनिला के स्रोत के रूप में किया। मालागासी ने फ्रांसीसियों के विरुद्ध दो मुख्य विद्रोह किये, एक 1918 में और दूसरा 1947 में, लेकिन देश 26 जून, 1960 तक स्वतंत्र नहीं हो पाया।

1975 में, डिडीअर रेटसिराका ने देश पर नियंत्रण कर लिया। उसने 1991 तक एक तानाशाह की तरह शासन किया, जब एक आर्थिक पतन की स्थिति में उसे किसी तरह से हटा दिया गया। इसके कुछ ही समय बाद वह फिर से शासन में आ गया और 2001 तक उसने शासन किया जब एक चुनाव में हार गया। नए राष्ट्रपति, मार्क रावालोमाना ने देश में लोकतंत्र लाने का वादा किया। उसने अपनी साइकिल के पीछे दही रख कर गलियों में बेचना शुरू किया, इस तरह से रावालोमाना ने एक व्यापर का साम्राज्य स्थापित कर लिया और मैडागास्कर का सबसे अमीर आदमी बन गया। 2005 में वह अभी भी राष्ट्रपति है, और देश की अर्थव्यवस्था में निरन्तर सुधार हो रहा है।

बाहरी कड़ियाँ

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