रघुनन्दन भट्टाचार्य

भारतपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

रघुनन्दन भट्टाचार्य (15वीं-16वीं शती) बंगाल के विधि-ग्रन्थों के रचनाकारों में प्रमुख थे। इनका जन्म नवद्बीप में हुआ था। पिता का नाम था हरिहर। बंगाल के प्रख्यात निबन्धकार। इन्होने 'स्मृतितत्व' नाम से २८ निबन्ध, तीर्थयात्राविधि आदि प्रयोगग्रन्थ आदि लिखे। बंगीय़ निबन्धाकार जीमूतवाहन (१२वीं शताब्दी) रचित बिख्यात 'दाय़भाग' नामक ग्रन्थ की टीका रचना की। स्मृतिशास्त्र में पाण्डित्य के कारण समग्र भारतबर्ष में 'स्मार्त भट्टाचार्य' नाम से प्रसिद्ध हुए। बहुत से निबन्ध और आलोचना करके तात्कालिक बंगीय़ हिन्दुसमाज के सामाजिक और धर्मसंक्रान्त बिषय में निर्देश दिया। उनकी स्मृतितत्व के टीकाकारों में अष्टादश शताब्दी के बांगाली काशीराम बाचस्पति प्रसिद्ध हैं।