रहमान (अभिनेता)

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रहमान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। जिनका कैरियर 1940 के दशक के उत्तरार्ध से लेकर 1970 के दशक के अंत तक फैला था। वह गुरु दत्त टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे, और ज्यादातर प्यार की जीत , बडी बहन , प्यासा (1957), साहिब बीबी और गुलाम (1962), दिल ने फ़िर याद किया, और वकत (1965) जैसी फिल्मों में उनकी भूमिका के लिए जाने जाते थे।[१]

व्यक्तिगत जीवन

रहमान, कॉलेज (1942) के बाद रॉयल इंडियन वायुसेना में शामिल हो गए और पुना में पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। जल्द ही बॉम्बे में फिल्मों में करियर के लिए उन्होने वायुसेना की नौकरी को छोड़ दिया। वह अपने सौहार्दपूर्ण परिष्कृत भूमिकाओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जो उनके व्यक्तित्व के अनुकूल हैं। पुणे में विष्णम बेडेकर के तीसरे सहायक निदेशक के रूप में उनके फिल्म कैरियर की शुरुआत हुई। विष्णम को एक अफगान की जरूरत थी जो पश्तुन पगड़ी बांध सकता था। रहमान ऐसा कर सकते थे, एक पश्तुन होने के नाते, और वह उन्हें कुछ प्रमुख भूमिकाओं के लिए स्क्रीन पर लाया। नायक के रूप में उनकी प्रमुख हिट्स में से एक प्यासा के साथ प्यार की जीत थी, और गीत- "एक दिल के तुकेडे हज़ार हू, कोई याहा गिरा, कोई वाहा गीरा" एक प्रमुख हिट था।

शुरुआत में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन समय बीतने के बाद, उन्होंने सहायक भूमिका निभाई और कुछ हिट फिल्मों जैसे प्यासा , चौदहवीं का चाँद, साहिब बीबी और ग़ुलाम और वक्त जो उनकी यादगार भूमिकाओं में से कुछ थे।

निधन

1977 में उन्हें तीन दिल के दौरे का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें गले का कैंसर भी हो गया और 1984 में लंबी और दर्दनाक बीमारी के बाद उनकी मृत्यु हो गई।[२]

प्रमुख फिल्में

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1982 दिल आखिर दिल है अरविंद देसाई
1982 वकील बाबू
1982 राजपूत ठाकुर प्रताप सिंह
1981 आहिस्ता आहिस्ता
1979 सलाम मेमसाब मेहरा
1977 चाचा भतीजा
1977 अमानत अमर
1977 आशिक हूँ बहारों का
1975 आँधी के बोस
1974 आप की कसम
1974 प्रेम शस्त्र राजन अरोड़ा
1974 दोस्त
1973 हीरा पन्ना
1972 दुश्मन जज
1970 देवी
1970 दर्पण
1970 माँ और ममता
1970 मस्ताना
1969 इंतकाम
1968 मेरे हमदम मेरे दोस्त
1968 आबरू
1968 शिकार
1966 दो दिलों की दास्तान
1966 सगाई
1966 दादी माँ
1965 वक्त चिनॉय
1964 गज़ल अख्तर नवाब
1964 कैसे कहूँ
1963 ये रास्ते हैं प्यार के
1963 मेरे महबूब
1963 ताजमहल
1962 साहिब बीबी और ग़ुलाम
1961 धर्मपुत्र जावेद
1960 चौदहवीं का चाँद
1960 छलिया
1960 घूंघट
1958 फिर सुबह होगी रहमान
1957 प्यासा
1957 उस्ताद
1950 परदेस राजन
1949 पारस कुमार

नामांकन और पुरस्कार

रहमान को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रुप में चार फिल्मफेयर नामांकन मिले। ये फिल्मे थी- फिर सुबह होगी (1958), चौदहवीं का चाँद (1960), साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) और दिल ने फिर याद किया (1966) [३]

सन्दर्भ

  1. The Illustrated Weekly of India, Volume 111, Issues 13-25, 1990. p. 15.
  2. https://www.google.de/search?tbm=bks&hl=de&q=Rehman+actor+1984#hl=de&q=%22Hindi+film+actor+Rehman+died+in+Bombay%22&tbm=bks
  3. "1st Filmfare Awards 1953" (PDF). मूल (PDF) से 12 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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