रूपसिह चंदेल

भारतपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

रूपसिह चंदेल (जन्म : १२ मार्च १९५१) हिन्दी कवि और लेखक हैं। १२ मार्च १९५१ को कानपुर के गाँव नौगवां (गौतम) में जन्मे वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चन्देल कानपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी. हैं।

अब तक उनकी ३८ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

  • ६ उपन्यास जिसमें से 'रमला बहू', 'पाथरटीला', 'नटसार' और 'शहर गवाह है' - अधिक चर्चित रहे हैं,
  • १० कहानी संग्रह,
  • ३ किशोर उपन्यास,
  • १० बाल कहानी संग्रह,
  • २ लघु-कहानी संग्रह,
  • यात्रा संस्मरण, आलोचना, अपराध विज्ञान,
  • २ संपादित पुस्तकें

इनके अतिरिक्त बहुचर्चित पुस्तक 'दॉस्तोएव्स्की के प्रेम' (जीवनी) संवाद प्रकाशन, मेरठ से प्रकाशित से प्रकाशित हुई है। उन्होंने रूसी लेखक लियो तोल्स्तोय Leo Tolstoy के अंतिम उपन्यास 'हाजी मुराद' का हिन्दी में पहली बार अनुवाद किया है जो २००८ में 'संवाद प्रकाशन' मेरठ से प्रकाशित हुआ है। सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन, दो चिट्ठे- रचना समय और वातायन।