शैलाश्रय,सिंघनपुर,रायगढ़

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चित्र:Chhatisgarh-ke-sanrakshit-s.jpg
छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक

छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में सिंघनपुर नामक स्थान पर एक चित्रित शैलाश्रय[१] स्थित है। यह शैलाश्रय दक्षिणाभिमुखी है और रायगढ़ से २० किलोमीटर पश्चिम में एक पहाड़ी पर वर्षों पूर्व प्रकृति द्वारा निर्मित है। मध्य दक्षिण पूर्वी रेलमार्ग के बिलासपुर झारसगुड़ा सेक्शन पर स्थित भूपदेवपुर नामक स्टेशन से यह स्थल उत्तर पश्चिम में लगभग तीन किलो मीटर की दूरी पर है। यह छत्तीसगढ़ में प्राप्त प्राचीन शैलचित्र युक्त शैलाश्रयों में से एक है, जिसकी तिथि लगभग ईसापूर्व ३० हज़ार वर्ष निर्धारित की गई है। इनकी खोज एंडरसन द्वारा १९१० के आसपास की गई थी। इंडिया पेंटिग्स १९१८ में तथा इन्साइक्लोपिडिया ब्रिटेनिका के १३वें अंक में रायगढ़ जिले के सिंघनपुर के शैलचित्रों का प्रकाशन पहली बार हुआ था।[२] तत्पश्चात श्री अमरनाथ दत्त ने 1923 से 1927 के मध्य रायगढ़ तथा समीपस्थ क्षेत्रों में शैल चित्रो का सर्वेक्षण किया। डॉ एन. घोष, डी. एच. गार्डन द्वारा इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। तत्पश्चात स्व. पंडित श्री लोचनप्रसाद पांडेय द्वारा भी शैलचित्रो के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी गई।[३]

इस शैलाश्रय के चित्र अधिक समय बीत जाने एवं प्राकृतिक दुष्प्रभावों के कारण धूमिल हो गए हैं। अंकित चित्रों में सीढ़ीनुमा पुरुष, मत्स्यांगना, शिकार दृश्य, पंक्तिबद्ध नर्तक टोली एवं मानवाकृतियाँ सम्मिलित हैं। मत्स्यांगना, कंगारू सदृश पशु, गोह एवं सर्पाकृति के अंकन अद्वितीय हैं। इस शैलाश्रय में पहले २३ कलाकृतियाँ देखी गयी थीं जिनमें से अब केवल १३ ही बची हैं। यहाँ की सीढ़ीनुमा लम्बी मानवाकृति की तुलना आस्ट्रेलिया में प्राप्त सीढ़ीनुमा पुरुष से की जाती है। विविध पशु आकृतियाँ, वन भैंसा, बंदर, छिपकली तथा अन्य चित्रों के अंकन में आदिमानवों की कला-संस्कृति आज भी जीवित है। चित्रित शैलाश्रयों के चित्रों के अध्ययन से वहाँ रहने वाले निवासियों के उस काल के जीवन और पर्यावरण तथा प्रकृति की जानकारी प्राप्त होती है। मध्याश्वीय काल से लेकर ऐतिहासिक काल तक के चित्र रायगढ़, बस्तर, कांकेर, दुर्ग कोरिया आदि जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शैलाश्रयों में पाए गए हैं। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है।[४]

सन्दर्भ

ड़ा.संजय अलंग-छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमीन्दारियाँ (वैभव प्रकाशन, रायपुर1, ISBN 81-89244-96-5) ड़ा.संजय अलंग-छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ/Tribes और जातियाँ/Castes (मानसी पब्लीकेशन, दिल्ली6, ISBN 978-81-89559-32-8)

  1. "चित्रित शैलाश्रय सिंघनपुर, रायगढ़" (एचटीएम). छत्तीसगढ़ शासन. अभिगमन तिथि २४ सितंबर २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)साँचा:Dead link
  2. "राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल" (एचटीएम). छत्तीगढ न्यूज़. अभिगमन तिथि २४ सितंबर २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)साँचा:Dead link
  3. "छत्तीसगढ़ में करोड़ो वर्ष पुराने शैलचित्र" (एचटीएम). जोहार. अभिगमन तिथि २४ सितंबर २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. साँचा:Cite book

साँचा:छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक ड़ा.संजय अलंग-छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमीन्दारियाँ (वैभव प्रकाशन, रायपुर1, ISBN 81-89244-96-5) ड़ा.संजय अलंग-छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ/Tribes और जातियाँ/Castes (मानसी पब्लीकेशन, दिल्ली6, ISBN 978-81-89559-32-8)