सुतीक्ष्ण समुच्चय

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गणित में सुतीक्ष्ण समुच्चय अथवा पोइंटेड समुच्चय[१][२] (आधारी समुच्चय अथवा नियत समुच्चय भी) <math>(X, x_0)</math> का क्रमित युग्म है जहाँ <math>X</math> एक समुच्चय तथा <math>x_0</math> समुच्चय <math>X</math> का एक अवयव है जिसे इसका आधार बिन्दु कहते हैं[२] तथा इसे अधार बिन्दु अथवा बेसपॉइंट पढ़ा जाता है।[३]साँचा:Rp

सुतीक्ष्ण समुच्चयों <math>(X, x_0)</math> और <math>(Y, y_0)</math> पर प्रतिचित्रण (जिसे आधार प्रतिचित्रण,[४] सुतीक्ष्ण प्रतिचित्रण,[३] अथवा बिन्दू-सरंक्षी प्रतिचित्रण[५] कहा जाता है) <math>X</math> से <math>Y</math> में परिभाषित फलन हैं जो एक से अन्य में आधार बिन्दु का प्रतिचित्रण करते हैं। उदाहरण के लिए <math>f : X \to Y</math> इस प्रकार है कि <math>f(x_0) = y_0</math> तो इसे निम्न रूप में प्रदर्शित किया जाता है:

<math>f : (X, x_0) \to (Y, y_0)</math>.

सुतीक्ष्ण समुच्चय को आपेक्षिक रूप से सरल बीजगणितीय संरचना माना जाता है। सार्वभौम बीजगणित के रूप में किसी एक नल्लरी संक्रिया से निर्मित सरंचना है जो आधार बिन्दु का चुनाव करती है।[६]

सभी आधार प्रचित्रणों के वर्ग के साथ सभी सुतीक्ष्ण समुच्चयों का वर्ग संवर्ग सिद्धान्त का निर्माण करती है। इस संवर्ग में सुतीक्ष्ण एकल समुच्चय <math>(\{a\}, a)</math> प्रारम्भिक और अंतिम बिंब[१] अर्थात शून्य बिंब है।[३]साँचा:Rp यहाँ सामान्य समुच्चय से सुतीक्ष्ण समुच्चय पर यथातथ अवच्छेक है लेकिन यह पूर्ण नहीं है तथा ये संवर्ग तुल्यकारिक नहीं हैं।[७]साँचा:Rp विशेष्स रूप से रिक्त समुच्चय सुतीक्ष्ण समुच्चय नहीं है क्योंकि इसमें कोई भी अवयव नहीं होता जिसे आधार बिन्दु के रूप में उच्ना जा सके।[८]

सुतीक्ष्ण समुच्चयों का संवर्ग और आधारी प्रतिचित्रण समतुल्य हैं लेकिन आंशिक फलनों और समुच्चयों के संवर्ग के साथ तुल्यकारिक नहीं हैं।[५]

सन्दर्भ