स्वामी अग्निवेश
साँचा:ज्ञानसन्दूक व्यक्ति अग्निवेश (21 सितम्बर 1939 - 11 सितम्बर 2020) भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता, सुधारक, राजनेता व आर्य समाजी थे।
जीवन परिचय
21 सितंबर 1939 को छत्तीसगढ़ के सक्ती रियासत, वर्तमान में जांजगीर-चाँपा जिले के सक्ती में जन्में स्वामी अग्निवेश ने कोलकाता में कानून और बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद आर्य समाज में संन्यास ग्रहण किया।
आईएलबीएस अस्पताल दिल्ली में दि.11.09.2020 को लीवर सिरोसिस बीमारी के चलते स्वामी अग्निवेश का देहान्त हो गया।
कार्यक्षेत्र
आर्य समाज का काम करते-करते 1968 में उन्होंने एक राजनीतिक दल बनाई- आर्य सभा। बाद में 1981 में बंधुआ मुक्ति मोर्चा की स्थापना उन्होंने दिल्ली में की. स्वामी अग्निवेश ने हरियाणा से चुनाव लड़ा और मंत्री भी बनें लेकिन मजदूरों पर लाठी चार्ज की एक घटना के बाद उन्होंने राजनीति से ही इस्तीफा दे दिया.
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संयोजक रहे स्वामी अग्निवेश इन दिनों माओवादियों से बातचीत के लिये चर्चा में हैं। माओवादियों और भारत सरकार के बीच बातचीत की कोशिश कर रहे सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संयोजक स्वामी अग्निवेश का मानना है कि भारत सरकार और माओवादी मजबूरी में शांति वार्ता कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों के सामने इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। माओवादी प्रवक्ता आज़ाद की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले स्वामी अग्निवेश का कहना है कि इस घटना ने शांति वार्ता को गहरा झटका पहुंचाया है।
विवाद
जन लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन कर रही अन्ना हजारे की टीम में भी स्वामी अग्निवेश का अहम रोल है। जंतर-मंतर पर अन्ना के अनशन के दौरान अग्निवेश भी पूरे समय अन्ना के साथ रहे। हालांकि कई मुद्दों पर सिविल सोसायटी और अग्निवेश के बीच मदभेद भी पैदा हुए। असली मुद्दा प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में रखने या नहीं रखने को लेकर है। कहा जा रहा है कि अग्निवेश ने इस बारे में एक विवादास्पद बयान देकर सिविल सोसायटी को नाराज़ कर दिया है। अग्निवेश ने कहा कि अगर सरकार सिविल सोसायटी की बाक़ी मांगों को मान ले तो पीएम और न्यायपालिका के मुद्दे पर सिविल सोसायटी नरमी बरतने के लिए तैयार है। लेकिन सिविल सोसायटी ने इस बयान को बिलकुल ग़लत करार दिया।
जुलाई 2018 में स्वामी अग्निवेश झारखंड गये जहां उन पर भारतीय जनता पार्टी की युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं नें हमला कर दिया एवं मारा-पीटा। स्वामी जी ने प्रशासन पर भी सुरक्षा प्रदान न करने का आरोप लगाया। किन्तु पुलिस अधीक्षक ने स्वामी जी के कार्यक्रम किसी भी पूर्व सुचना से इंकार किया।
प्रकाशन
पुस्तक
- वैदिक समाजवाद – Vedic Socialism (Hindi), 1974[१]
- Religion Revolution and Marxism (Hindi and English)[१]
- Harvest of Hate: Gujarat Under Siege, with Valson Thampu. Rupa & Co, India. 2002. साँचा:ISBN
- Religion, Spirituality and Social Action New Agenda for Humanity: New Agenda for Humanity, Hope India Publications, 2003. साँचा:ISBN
- Hinduism in the New Age, Hope India Publications, 2005. साँचा:ISBN