हेमंत चौहान

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साँचा:ज्ञानसन्दूक वादक हेमंत चौहान गुजराती भाषा के जानेमाने भजनिक एवं लोकगायक है।[१] ९ अक्तूबर २०१२ को उन्हें वर्ष २०११ के अकादमी रत्व एवोर्ड से सम्मानित किया गया था। गुजराती भजन, गरबा इत्यादि गुजरात की लोकागायकी में उनका अनुठा योगदान रहा हैं। श्रोताओं को प्रत्येक शब्द समझ में आए इस तरह के उच्चारण के साथ गाना ये उनकी विशेषता है। पंखीडा ओ पंखीडा, विणेला मोती, हे मानव विश्वास करी ले, तु रंगाई जा रंगमां इत्यादि गुजराती गीत लोकप्रिय हुए हैं।हिंदी भजनो में भी उन्होंने अपना स्वर दिया हैं जिसमें कहत कबीर-१ और २, प्रदीप भजन (सुर मन्दिर) उल्लेखनीय हैं।

भजन, गरबा, गीतों के अलावा, उन्होंने स्वयं के कुछ एलबम में संगीत भी दिया है। संतवानी और अन्य गीतों में गायकी के साथ हारमोनियम,गिटार और तानपुरा आदि  काफी आसानी से बजा लेते हैं।

भारत भवन, भोपाल मेंगुजरात महोत्सव मेंफ़रवरी 2017 में स्वर देते हुए।

लोकप्रिय गुजराती एल्बम

  • प्रेम नो प्यालो
  • पंखीडा ओ पंखीडा
  • ॐ नम: शिवाय-शिव धून
  • ॐ साँई मंगलम्
  • श्रीमन् नारायण
  • लहेर लागी भजन नी
  • धम धम नगारा वागे
  • तु रंगाइ जाने रंगमां
  • चोटीले डाकला वाग्या
  • भजन कृष्ण-आध्यात्मिक
  • शिव तांडव
  • हे जगजननी हे जगमाता
  • हेमंत चौहान - तारे रहेवुं भाड़ा ना मकान मां
  • श्रीनाथ जी भजन
  • पंखीडा ने आ पिंजरुं
  • उँची मेडी ते मारा संत नी रे
  • राख ना रमकडा
  • ओ माँ मेरी

सन्दर्भ

  1. "Sacred musical mission". मूल से 10 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 फ़रवरी 2017.

इन्हें भी देखें