होराधिपति बल

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होराधिपति बल ज्ञात करने के लिये सूर्योदय से सूर्योस्त तक दिन को 12 होरा में और सूर्योस्त से सूर्योदय तक पुन: रात्रि को 12 होरा में विभक्त किया जाता है. दिन व रात्रि की प्रत्येक होरा का स्वामित्व एक ग्रह को दिया गया है. जिसे होराधिपति कहा जाता है.

तथा प्रत्येक दिन में पहली होरा उस दिन के स्वामी से शुरु होती है. और दूसरी होरा का स्वामी उस दिन से छटवें दिन का स्वामी होता है.

रात्रि की होरा का स्वामी निकालने के नियम अलग है. रात्रि होरा का स्वामी उस दिन के स्वामी से पांचवे दिन का स्वामी व रात्रि की दूसरी होरा का स्वामी उस होरा से छठवें दिन का स्वामी होता है. साँचा:वैदिक साहित्य