सौर मण्डल की छोटी वस्तुएँ

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१८ किमी लम्बा क्षुद्रग्रह ९५१ गैस्प्रा औपचारिक रूप से "सौर मण्डल की छोटी वस्तु" की श्रेणी में आता है

सौर मण्डल की छोटी वस्तुएँ खगोलीय वस्तुओं की एक श्रेणी है जो २००६ में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने स्थापित की थी। इस परिभाषा में हमारे सौर मण्डल में मौजूद वे सारी वस्तुएँ आती हैं जो न तो ग्रह हैं, न बौना ग्रह हैं और न ही किसी ग्रह या बौना ग्रह के उपग्रह हैं। इस नयी श्रेणी में अधिकतर क्षुद्रग्रहों, वरुण-पार वस्तुओं और धूमकेतुओं का शुमार होता है। इसमें वे सारे हीन ग्रह भी शामिल हैं जिन्हें बौना ग्रह का दर्जा न मिला हो।[१] तो उन हीन ग्रहों की फ़हरिस्त जिन्हें सौर मण्डल की छोटी वस्तुओं में गिना जाता है कुछ इस प्रकार है -

वैसे देखा जाए तो असंख्य छोटे-छोटे पत्थर और यहाँ तक के धुल के कण सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा कर रहें हैं। अभी यह बात स्पष्ट नहीं है के ऐसे धुल के कणों को भी "सौर मण्डल की छोटी वस्तुओं" में औपचारिक रूप से गिना जाएगा या नहीं। संभव है के अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ इस परिभाषा पर आकार की कोई छोटी सीमा लगा दे, ताकि केवल अर्थपूर्ण वस्तुएँ ही इस सूची में आयें।

अन्य भाषाओँ में

"सौर मण्डल की छोटी वस्तुओं" का अंग्रेज़ी में औपचारिक नाम "स्मॉल सोलर सिस्टम बॉडीज़" (small solar system bodies) और फ़्रांसिसी में "प्ती कोर द्यु सिस्तैम सोलेर" (petit corps du système solaire) है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "ग्रह की परिभाषा रखने वाला मतदान के लिए प्रस्तुत किया गया अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ का प्रस्ताव (अंग्रेज़ी में)". मूल से 13 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2011.

साँचा:सौरमण्डल